Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 323
________________ ८-मीनाक्षीकुमारी जयचन्दजी अम्बावत ८-तीजोबेन अनराजजी गोदाणी ८-पोपटबेन इन्दरमलजी अम्बावत ८-हस्तुबाई शान्तिलालजी फागणिया ८-कलावती शान्तिलालजी फागणिया ८-संगीताकुमारी मूलचन्दजी ८-मुमुक्षु रेखाबेन अगवरी गाँव की ८-पानीबेन अमीचन्दजी गुर्जर ८-भाग्यवंतीबेन इन्दरमलजी गुर्जर ८-शान्ताबेन देवराजजी साकरियां ८-वसन्तीबेन शेषमलजी साकरियां ८-चौधरी मोड़ाराम धनारामजी सीरवी तदुपरान्त-सातवाले, पाँचवाले भी थे। अट्टमवाले तो अनेक थे। [६] नवाहिनका-महोत्सव पर्वाधिराज श्री पर्युषणा महापर्व की हुई मंगल आराधना तथा चतुर्विध संघ में हुई विविध प्रकार की तपश्चर्याओं के निमित्त एवं जैनधर्म दिवाकर-राजस्थान मूत्ति की सिद्धि एवं मूत्तिपूजा की प्राचीनता-३००

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