Book Title: Murti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 316
________________ उसी दिन श्रीमान् जवेरचन्दजी कुन्दनमलजी विठोड़ा वाले की तरफ से भी संघपूजा हुई । ४-श्रावण (भादरवा) वद १५ गुरुवार दिनांक ३१-८-८६ के दिन श्रीमान् गुलाबचन्दजी कुन्दनमलजी विठोड़ा वाले के घर पर परम पूज्य आचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ समेत बैन्ड युक्त पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन एवं मांगलिक के बाद संघपूजा हुई। __ उसी दिन श्रीमान् धनराजजी नेमिचन्दजी विठोड़ा वाले की ओर से भी संघपूजा हुई। ५-भादरवा सुद १ शुक्रवार दिनांक १-६-८६ विभु श्री महावीर जन्मवांचन के दिन प्रातः व्याख्यान में जवाली निवासी श्रीमान् देवराजजी पाली वाले की ओर से संघपूजा हुई। उसी दिन श्री महावीर जन्मवांचन के बाद अपने घर पर प्रभु का पारणा तथा स्वप्नादि ले जाने के लिए विशेष बोली बोलकर आदेश लेने वाले श्रीमान् मोहनराजजी केसरीमलजी ताराचन्दजी अम्बावत परिवार वाले थे। उनकी ओर से पोरवाल भवन में ही रात को भावना प्रभावना पूर्वक हुई थी। उसी दिन बैन्ड युक्त परम पूज्य आचार्य म. सा. के ... मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-२६३

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