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व्याख्यान के बाद श्रीमान् उम्मेदमलजी दानमलजी के घर पर पूज्यपाद आ. म. सा. चतुर्विध संघ के साथ देशी वाजिन्त्रयुक्त स्वागतपूर्वक पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन, मांगलिक तथा दम्पत्ति को ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा होने के पश्चात् संघपूजा हुई।
* आषाढ़ सुद ५ शनिवार दिनांक ८-७-८६ के दिन प्रवचन के पश्चात् श्रीमान् मोतीलालजी कुन्दनमलजी के घर पर परमपूज्य प्रा. म. सा. चतुर्विध संघ के साथ देशी वाजिन्त्रयुक्त पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन, मांगलिक तथा प्रतिज्ञा होने के बाद संघपूजा हुई। फिर पूज्यपाद आचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ युक्त स्वागतपूर्वक श्रीमान् मीठालालजी भीमराजजी के घर पधारे। वहाँ ज्ञानपूजन, मांगलिक, पदयात्रा संघ की प्रतिज्ञा के पश्चात् संघपूजा हुई।
3 आषाढ़ सुद ७ सोमवार दिनांक १०-७-८६ के दिन प्रवचन के पश्चात् परमपूज्य आचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ सहित स्वागतपूर्वक' श्रीमान् इन्द्रमलजी अमीचन्दजी के घर पर पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन, मांगलिक, प्रतिज्ञा के बाद संघपूजा हुई।
उसी माफिक एक अन्य श्रीमान् के घर पर भी
· मूत्ति की सिद्धि एवं मूत्तिपूजा की प्राचीनता-२८३