Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 9
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य आगमसूत्र-११ हिन्दी अनुवाद विपाक सूत्र आगम-सूत्र हिन्दी अनुवाद Net| भाषा - हिन्दी प्रकाशन वर्ष 2012 कुल किताबें → 47, कुल पृष्ठ 7 3684 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-5 'साहित्य कृति क्रम 142 से 188 अनुवादकाः मुनि दीपरत्नसागर | [04] आगम-सूत्र हिन्दी अनुवाद Net अर्धमागधी-भाषामें प्राप्त 90000 श्लोकप्रमाण मूल 45 आगमो का ये हिन्दी अनुवाद है | 45+2 आगमो के गुजराती अनुवाद के बाद हमने उसी 47 आगमो का हिन्दी-अनुवाद भी किया था, जो 12 भागो में print करवाया था, उसी प्रकाशन को अब अलग-अलग 47 किताबो के रूपमें आप हमारे Net publications में देख शकते है| गुजराती-अनुवाद के अनुभव को नजर के सामने रखकर हमने हिन्दी अनुवाद करते समय अर्थ का विस्तार और पेरेग्राफो में आवश्यक वृद्धि कर दी, परिणाम स्वरुप यहाँ 287 पेज बढ़ गए | हिन्दीभाषी महात्मा भी आगम के पदार्थज्ञान से वंचित न रहे, ऐसे आशय से तैयार किया गया ये सम्पुट साहित्यिक मूल्यवाला तो है ही, साथमें गुजराती-भाषी आगमरसिको के लिए भी ये महत्वपूर्ण सन्दर्भशास्त्र बन चुका है| क्योंकि मूल-आगम, गुजराती-अनुवाद और हिन्दी अनुवाद तीनो में सूत्र-क्रमांकन एक समान ही है | ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 | [9] | Publications on 03/07/2015Page Navigation
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