Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 15
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य जारी सो नियनहसार आगमस आगम-सूत्र हिन्दी अनुवाद Print| भाषा - हिन्दी प्रकाशन वर्ष 2001 कुल किताबें → 12, कुल पृष्ठ 7 3109 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-5 साहित्य कति क्रम 394 से 4051 मुनि दीपरतासागर [10] आगम सुत्ताणि सटीकं Print ये हमारा Print Publication है, हमने आगमसूत्र हिन्दीअनुवाद नामसे 12 पुस्तकोंका संपुट बनाया था, जिसमें मूल 45+2 वैकल्पिक आगमो को मिलाकर 47 आगमसूत्रों का हिन्दी-अनुवाद किया था | अब ये प्रकाशन Net publication बनकर 47 किताब के रुपमे मौजूद है | अर्द्धमागधी में अंदाजित 90000 श्लोक-प्रमाण आगम-साहित्य का ये संपूर्ण हिन्दी-अनुवाद है, 45 आगमोमें पिंडनियुक्ति के साथ विकल्पमें ओघनियुक्ति है और पयन्ना सूत्र में भी गच्छाचार के विकल्पमें चंदावेज्झय है, ये दोनों को जोड़कर हमने 47 आगमोका हिन्दी-अनुवाद करके Print-publication किया था | 'मूल-आगम' और 'हिन्दी-अनुवाद' दोनों में सभी सूत्रों के क्रम हमने एक-समान दिए है, इस से किसी भी सूत्र का अनुवाद या मूल देखने या पढ़ने में बहोत सुविधा रहती है और जिनको मूल-सूत्र के पठन की इजाजत नहीं है वे सिर्फ अनुवाद की किताब पढ़ शकते है। Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [15]] Publications on 03/07/2015

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