Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 28
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ જન એડ્યુકેશનલા સર્ટીફિકેટ કોર્સ પ્રતિક્રમણસૂત્ર અભિનવ વિવેચન सूत्र-मल्यास साहित्य Printed भाषा-गुती ,प्राकृत,संस्कृत [2004] कुल किताबें +5, कुल पृष्ठ 71428 | नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-5, A-6 साहित्य कृति क्रम 533 से 537 Ans: Liaomi મુનિ દીપરતનસાગર | [21] सूत्र-सल्यास साहित्य printed | इस में 5 किताबे है, [1-4] 'प्रतिभए।सूत्र लिनव विवेयन', [5] हैन मेऽयुशनल साइ82-डीसं. प्रतिक्रमणसूत्र अभिनव विवेचन चार भागोंमे 1253 पृष्ठो में print करवाई हुई किताब है, इसमे मैंने दो प्रतिक्रमण सूत्र पर सात अंगो में विस्तृत विवेचन किया है | ये सात अंग इस प्रकार है , सूत्र-विषय, सूत्र-मूल, सूत्र-अर्थ, शब्दज्ञान, विवेचन, विशेष-कथन, सूत्र-नोंध| अभिनवविवेचन में मैंने आगम और पूर्वाचार्य रचित ग्रंथो का सहारा लेकर, मूलसूत्र के महत्त्वपूर्ण शब्द, प्रत्येक वाक्य अथवा गाथाओं के प्रत्येक चरण का अति विस्तृत विवेचन किया है, इसमे अनेक संदर्भ साहित्य और आगमो के साक्षी-पाठ दे दिए है | 'जैन एड्युकेशनल सर्टिफिकेटकोर्स' पंच प्रतिक्रमणके साथ-साथ उपयोगी स्तुति आदि काव्य विभाग, जैन भूगोल, सूत्र एवं सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर, छोटी कहानिया, आवश्यक क्रियाकी विधिया, 24 तीर्थंकर परिचय आदि का 6 साल के सर्टिफिकेट कोर्स की किताब है Total Books 555 (1,00,013 Pages) Muni Deepratnasagar's 555 [28] Publications on 03/07/2015

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