Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 29
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य नमो नमा निम्मान समारत સમાધિ साराधना साहित्य Printed | भाषा → ४२राती, प्रकाशन वर्ष 1991 कुल किताबें +3, कुल पृष्ठ 7434 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-5, A-6 साहित्य कति क्रम 538 से 540 Maitaminal: મુનિ દીપરત્નસાગર [22] माराधना साहित्य Printedi आराधना साहित्य में हमारी तिन किताबे गुजराती में है → [1] समाधिभ२५:- अंत समय और भाविगति सुधारने के लिए मरण के वक्त चित्त समाधि बनी रहे ऐसी आराधनाविधि, आराधना सूत्रो, आराधना पद्यो वगेरैह सात अलग-अलग विभागों में विभाजित ऐसा 350 पृष्ठो का दळदार पुस्तक, जो बारबार पठनीय है | [2] साधु-साध्वी अंतिम माराधना:- साधु-साध्वी को अंतिम समय सुधारने के लिए नित्य करने योग्य ऐसी ये आराधना है, मल प्राकृत और संस्कृतमें ग्रंथस्थ विधि को मैंने सरल गुजरातीमें प्रस्तुत किया है, पंचाग जैसा कद होनेसे साथ रखना आसान है | [3] श्रावतिम याराधना:- श्रावक-श्राविका को अंतिम समय सुधारने के लिए नित्य करने योग्य ऐसी ये आराधना है, मूल प्राकृत और संस्कृतमें ग्रंथस्थ विधि को मैंने सरल गुजरातीमें प्रस्तुत किया है, पंचाग जैसा कद होनेसे साथ रखना आसान है | Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [29]] Publications on 03/07/2015

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