Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 22
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य य-काताया व्याकरण साहित्य print | भाषा → संस्कृत, १४राती प्रकाशन वर्ष 1987 कुल किताबें → 5, कुल पृष्ठ 7 1048 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-4 साहित्य कृति क्रम 502 से 506 | अभिनय हेम' सधुप्रजिया-२ મુનિ દીપરત્નસાગર [17] व्याकरण साहित्य print यहाँ 5 मुद्रित प्रकाशन है→ [1-4] अभिनव'हेम'लघुप्रक्रिया और [5] कृदंतमाला | महोपाध्याय विनयविजयजी कृत् 'लघुप्रक्रिया' पर सिद्धहेमशब्दानुशासन तथा उससे संबंधित अनेक संदर्भग्रंथो से तैयार किया हुआ ये 1000 से ज्यादा पेज का ये ग्रन्थ है, गुजराती भाषाके माध्यमसे 'हेम'-संस्कृत व्याकरणका सघन अभ्यास हो शके इस तरह मैंने ग्रन्थ-सर्जन किया है । प्रत्येक सूत्रोंको सात विभागोमें विभाजित करके रखे है, जैसे की सूत्र, अर्थ, वृत्ति, वृत्यर्थ, अनुवृत्ति, विवेचन आदि और प्रचुर प्रमाण में परिशिष्ठ भी दिए है | संस्कृत व्याकरण का स्वयं अभ्यास करने के लिए ये उत्तम प्रकाशन है | व्याकरण संबंधी हमारा पांचवा प्रकाशन है 'कृदंतमाला', जिसमें हमने 125 धातु (क्रियापदो)के 23 प्रकारों से होनेवाले कृदंतो का एक कोष्टक बनाके दिया है | दो 'संस्कृत-बुक' तक के अभ्यासमें आते हुए सभी धातुओं के कृदंतो के तैयार रूप यहाँ प्राप्त होते है | Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [22]] Publications on 03/07/2015

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