Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 13
________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ आगमसूत्राणि सटीकं (प्रताकार) Net| भाषा प्राकृत,संस्कृत प्रकाशन वर्ष 2015 आयारो मूलं एवं वृत्ति: कुल किताबें 751, कुल पृष्ठ 717992 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-4 Landskep साहित्य कृति क्रम 336 से 3861 नमा नमो निम्मलदसगस्त मुरपये मान-समानाधिन-मधामसागर गुरुज्यो तमा [मूल शाहस्वामी कृत नियुक्ति. शिलाकामा रचित वृत्ति पुनः संकलन-कर्ता मुनि दीपरत्नसागर MCAn. MLE. IT.LA [08] आगमसूत्राणि सटीक (प्रताकार) Net | पूज्य आगमोद्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरजी ने आगमो की वृत्ति, चूर्णि, भाष्य, निर्यक्ति आदि भी संपादित किए है | हमने सोचा की वो प्रत/पोथी-युग था, अब पुस्तक-युग और इंटरनेट प्रसिद्ध है, चलो इस प्रतो को A-4 साईझ के पुस्तक-रूपमें तबदील करके और इन की उपयोगिता बढ़ाकर Net publication के रूप में रख दे | हमने एक विशेष फोर्मेट बनाया, ऊस के बिच में मूल प्रतके एक एक पृष्ठ अलग-अलग रख दिए. फिर जो आगम संपादित हो रहा हो, उसके प्रत्येक पेज पर ऊस आगम का क्रम, नाम, प्रकार, प्रकारका क्रम हमने लिख दिए, ऊस लाइन के नीचे ऊस आगम का जो श्रुतस्कंध, अध्ययन, उद्देश, सूत्र/गाथा, नियुक्ति आदि उस पेज पे चल रहे हो, वे सभी अंको को प्रत्येक पेज पर लिख दिए, बायीं तरफ प्रत सूत्रांक और 'दीपरत्न' सूत्रांक लिख दिए, ऊस प्रतमें कोई विशेष विषयवस्तु हो या अध्ययनादि की सूचना हो या मुद्रणदोष हो तो उसे नीचे फूटनोट में लिख दिए | बाद में मल्टीकलर में वो सब मेटर net पे रख दिया | ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है Total Books 555 [1,00,013 Pages] | Muni Deepratnasagar's 555 [13]| Publications on 03/07/2015

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