Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 14
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ આગમદીપ छ મુનિ દીપરત્નસાગર आगमसूत्र गुष्ठराती अनुवाह Print प्रकाशन वर्ष 1997 कुल पृष्ठ 2962 साईझ A-5 भाषा → गुठराती कुल किताबें →7, नेट पब्लिकेशन्स, साहित्य कृति क्रम 387 से 393 [09] आगमसूत्र शुभराती अनुवाE Print ये हमारा Print Publication है, इसमें हमने 'आगमहीय' नामसे सात पुस्तकों के संपुट में मूल 45 + 2 वैकल्पिक आगमो को मिलाकर 47 आगमसूत्रों का गुजराती अनुवाद किया था | अब तो ये प्रकाशन Net publication बनकर 47 किताबके रुपमे मौजूद है अर्द्धमागधी में अंदाजित 90000 श्लोक - प्रमाण आगम-साहित्य का ये संपूर्ण गुजराती - अनुवाद है, 45 आगमोमें पिंडनिर्युक्ति के साथ विकल्पमें ओघनिर्युक्ति है और पयन्ना सूत्र में भी गच्छाचार के विकल्पमें चंदावेज्झय है, ये दोनों को जोड़कर हमने 47 आगमो का गुजराती-अनुवाद करके Print-publication किया था | 'मूल - आगम' और 'गुजराती - अनुवाद' दोनोंमें सभी सूत्रों के क्रम हमने एक समान दिए है, इस से किसी भी सूत्र का अनुवाद या मूल देखने या पढ़ने में बहोत सुविधा रहती है और जिनको मूल सूत्र के पठन की इजाजत नहीं है वे सिर्फ अनुवाद की किताब पढ़ शकते है| Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [14] Publications on 03/07/2015

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