Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 17
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ આગમસત્ર els teu વિપાક સૂત્ર 'सामसूत्र सटी गुशता मनुवाद Print | भाषा + १४राती प्रकाशन वर्ष 2009 कुल किताबें - 42, कुल पृष्ठ 7 9700 नेट पब्लिकेशन्स, ईझ A-5 साहित्य कृति क्रम 436 से 477 BHUtsansqr20RCसार [12] आगम सत्ताणि सटीक Print ये एक Print Publication है, 'मागमसूत्र सटी अनुवाह' नामसे हमने यहाँ 42 पुस्तकों में 45+2 वैकल्पिक-आगम तथा कल्पसूत्र मिलाकर 48 आगमसूत्रों का टीका (वृत्ति) सहित गुजराती अनुवाद किया था | अब तो ये प्रकाशन Net publication बनकर 48 अलग-अलग किताबो के रुपमे मौजूद है। मेरे सामने जब पिंडनियुक्ति, दशवैकालिक, आचारांग, भगवती उत्तराध्ययन, आदि कुछ आगमो का टीका सहित अनुवाद सामने आये तब मैंने सोचा की 45 आगमो का सटीक-अनुवाद मै खुद करके प्रिंटिंग कराल, स्व-पर समुदाय के आचार्य-भगवंतो की अनुज्ञा प्राप्त करके अनुवादकार्य शुरू कर दिया, 5 साल में पूरा भी हो गया और 2002-2003 में विश्व के 14 देशो में ये सम्पुट पहुँच गया | राजकोट से स्थानकवासी संप्रदायने जब आगमो के विवेचनसह गुजराती अनुवादकी किताबे प्रकाशित की तब इस संपुट का सादयंत उपयोग किया, पू. जम्बविजयजी ने भी तीन बार ये सेट ख़रीदे थे | Total Books 555 [1,00,013 Pages] | Muni Deepratnasagar's 555 |[17]| Publications on 03/07/2015

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