Book Title: Muni Deepratnasagarji ki 555 Sahitya Krutiya
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 12
________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स दीपरत्नसागर की 555 साहित्य-कृतियाँ नमोसमी मनाश पूमा बीमार बाग अमित शुभीम गुमलावर गुरदो लाश On Line आगममंजूषा [१] आयारो [07] आगम मञ्जूषा Net | भाषा → प्राकृत प्रकाशन वर्ष 2013 कुल किताबें → 53, कुल पृष्ठ → 1521 नेट पब्लिकेशन्स, साईझ A-4 Landskep साहित्य कृति क्रम 283 से 335 पुनः संकलन एवं प्रस्तुतकर्ता मुनि दीपरत्नसागर Ham Hanuman [07] आगममञ्जूषा Net | पूज्य आगमोद्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरजी ने करीब 70 साल पहले मार्बल एवं तामपत्र पर इस आगममंजूषा को अंकित और 20x30 के पेपर पर भी print करवाया था, वही आगममंजुषा को हमने किंचित् परिमार्जित करके, प्रत स्वरूपमें तबदील करके लेंडस्केप A-4 साईझ में NetPublication रूपसे प्रकाशित किया है 'आगममजूषा' मूल-रूपसे तो ये 1370 सलंग पृष्ठोमे print हुइ थी, मगर उसमें ४५ मूल-आगम, 2 वैकल्पिक-आगम, कल्पसूत्र, 5 आगम कि नियुक्तियाँ शामिल थी, हमारे Net Publications में हमने इन 53 शास्त्रो को अलग-अलग करके 53 स्वतंत्र किताबो के रुपमे रख कर, प्रत्येक किताब के साथ प्रस्तावनारूप पृष्ठ और स्वतंत्र Title हमने जोड़ दिया है, पूज्यश्री संपादित साहित्य जो अब तक आरसपत्थर, तामपत्र या 20x30 के बड़े कागझ पे था, उसे आप A-4 की छोटी साईझ पर छोटीछोटी किताब-रुपमे पा शकते है ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है Total Books 555 [1,00,013 Pages] Muni Deepratnasagar's 555 [12]] Publications on 03/07/2015

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