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जिंदगी में एक तो प्रकट अर्थ होता है और एक अप्रकट अर्थ होता है। जीवन के समस्त तथ्यों के पीछे एक तो वह अर्थ होता है, जो ऊपर से दिखाई पड़ता है; और एक वह अर्थ होता है, जो अदृश्य होता है। जो ऊपर के ही अर्थ को देखते हैं, वे धार्मिक नहीं हैं; जो भीतर के अदृश्य अर्थ को देख पाते हैं, वे धार्मिक हैं।
इससे इसलिए शुरू करना चाहता हूं कि महावीर का एक जीवन तो वह है, जो किताबों में लिखा हुआ है, शास्त्रों में लिखा हुआ है, महावीर के पूजने वाले जिसको मानते हैं; और एक महावीर का जीवन वह है, जो प्रकट नहीं है, जो अदृश्य है, और जिसे देखने के लिए बहुत धैर्य की और संयम की आंखें चाहिए। किताबों में उसे नहीं लिखा जा सकता, जो अप्रकट है; शब्दों में उसे नहीं बांधा जा सकता, जो अदृश्य है। उसके तो संकेत और इशारे हो सकते हैं।
लेकिन लोग संकेत को पकड़ लेते हैं, इशारे को पकड़ लेते हैं, और पीछे जो अप्रकट है, उसे छोड़ देते हैं! सारी दुनिया में सारे महापुरुषों के साथ यह अन्याय हुआ है, वह महावीर के साथ भी हुआ है।
अभी एक भाई ने प्रार्थना की कि उनके जीवन पर मैं कुछ कहूं।
किस चीज को जीवन समझते हैं आप महावीर का? किस घर में पैदा हुए, इस बात को? तो पागल हैं आप। किस बाप के बेटे थे, इस बात को? तो पागल हैं आप। राजा के घर में पैदा हुए, इस बात को? शादी की कि नहीं की? कि लड़की पैदा हुई कि नहीं हुई? कि कपड़े पहनते थे कि नहीं पहनते थे? कि कितनी उम्र तक जिंदा रहे, कि किस सन में पैदा हुए और किस सन में मर गए, इसको जिंदगी समझते हैं महावीर की? ।
__ तो आपमें संयम नहीं है और धैर्य नहीं है। महावीर को आप नहीं जान सकते। ये कोई भी, महावीर की जिंदगी का इन बातों से कोई संबंध नहीं। ये नॉन-एसेंशिअल हैं, ये बातें बिलकुल ही सारहीन हैं। लेकिन इन्हीं बातों को जीवन समझा जाता है न केवल महावीर का, क्राइस्ट का, राम का, कृष्ण का, किसी का भी! जो बिलकुल व्यर्थ है, जिसका कोई भी मूल्य नहीं है कि कौन आदमी कहां पैदा होता है, किस घर में पैदा होता है; राजा के घर में पैदा होता है कि दरिद्र के घर में पैदा होता है; कि क्षत्रिय के घर में पैदा होता है कि ब्राह्मण के घर में पैदा होता है; कि शूद्र के घर में पैदा होता है कि ऊंचे कुल में पैदा होता है-कहां पैदा होता है इसका कोई मूल्य नहीं है; यह शरीर की कथा है, इससे महावीर का कोई संबंध नहीं है। यह तो हर आदमी कहीं न कहीं पैदा होता है। कितने दिन जिंदा रहता है, किस सन में पैदा होता है और किस सन में समाप्त हो जाता है, इसका भी कोई मूल्य नहीं। ___मैं एक गांव में बोल रहा था, एक बड़ी नगरी में। एक व्यक्ति ने खड़े होकर पूछा कि मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूं। महावीर और बुद्ध समसामयिक थे, कंटेम्प्रेरी थे। उन दोनों में किसकी उम्र ज्यादा थी? दोनों में कौन बड़ा था, कौन उम्र में छोटा था? उन सज्जन ने कहा कि मैं तीन वर्ष से इस बात पर खोज-बीन कर रहा हूं, लेकिन अभी तक निर्णय नहीं कर पाया हूं कि पहले कौन पैदा हुआ।
तो मैंने उनसे कहा, कोई भी पहले पैदा हुआ हो, किसी की उम्र कम और ज्यादा रही हो, वे तो गौण बातें हैं। लेकिन इस खोज में आपकी तीन साल की उम्र व्यर्थ हो गई, यह निश्चित
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