Book Title: Mahavir ya Mahavinash
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rajnish Foundation

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Page 225
________________ जो घर बारे आपना प्रेम दर्शन ध्यान, साधना ध्यान विज्ञान ध्यानयोगः प्रथम और अंतिम मुक्ति मैं कौन हूं समाधि के द्वार पर तृषा गई एक बूंद से तृषा गई एक बूंद से जीवन सत्य की खोज माटी कहे कुम्हार सूं माटी कहे कुम्हार सूं जीवन रस गंगा अमृत की दिशा अमृत की दिशा समाधि के तीन चरण चित चकमक लागे नाहिं राष्ट्रीय और सामाजिक समस्याएं नये समाज की खोज देख कबीरा रोया देख कबीरा रोया अस्वीकृति में उठा हाथ भारत के जलते प्रश्न भारत के जलते प्रश्न समाजवाद से सावधान समाजवाद अर्थात आत्मघात स्वर्ण पाखी था जो कभी नये भारत की खोज नये भारत का जन्म भारत का भविष्य फिर अमरित की बूंद पड़ी एक एक कदम 218 अंतरंग वार्ताएं संबोधि के क्षण प्रेम नदी के तीरा सहज मिले अविनाशी उपासना के क्षण अनंत की पुकार विविध अमृत-कण अमृत वाणी कुछ ज्योर्तिमय क्षण नये संकेत चेति सकै तो चेति हसिबा, खेलिबा, धरिबा ध्यानम् धर्म साधना के सूत्र मैं कहता आंखन देखी जीवन क्रांति के सूत्र जीवन रहस्य करुणा और क्रांति विज्ञान, धर्म और कला प्रभु मंदिर के द्वार पर तमसो मा ज्योतिर्गमय प्रेम है द्वार प्रभु का अंतर की खोज अमृत वर्षा अमृत द्वार एक नया द्वार प्रेम गंगा समुंद समाना बुंद में सत्य की प्यास शून्य समाधि व्यस्त जीवन में ईश्वर की खोज अज्ञात की ओर धर्म और आनंद जीवन-दर्शन

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