Book Title: Leshya aur Manovigyan
Author(s): Shanta Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 199
________________ जैन साधना पद्धति में ध्यान . 189 भान्तिकेन्द्र चाक्षुष केन्द:- प्राण केन्द्र स ---→ ज्ञानकेन्द्र →ज्योतिकेन्द्र hal →दर्शन केन्द्र अपमादकन्द्र ब्रह्मकेन्द्र - →विशुद्धि केन्द्र Wappamummyomanife-07 आनन्दकेन्द्र →तेजसकेन्द्र नाम शक्ति केन्द्र चेतना केन्द्र चैतन्यकेन्द्र नाम और स्थान स्थान ग्रंथि/इन्द्रिय से संबंध चक्र से संबंध 1. शक्तिकेन्द्र पृष्ठ रज्जु के गोनाड्स (कामग्रंथि) मूलाधार चक्र नीचे का छोर 2. स्वास्थ्यकेन्द्र पेडू गोनाड्स (कामग्रंथि) स्वाधिष्ठान चक्र 3. तैजसकेन्द्र नाभि एड्रेनल पेन्क्रियाज मणिपुर चक्र 4. आनन्दकेन्द्र हृदय के पास थाइमस अनाहत चक्र 5. विशुद्धिकेन्द्र कण्ठ के मध्य थाइराइड विशुद्धि चक्र पैराथाइराइड 6. ब्रह्मकेन्द्र जिह्वाग्र रसनेन्द्रिय 7. प्राणकेन्द्र नासाग्र घ्राणेन्द्रिय 8. चाक्षुषकेन्द्र आंखों के भीतर चक्षुरिन्द्रिय 9. अप्रमादकेन्द्र कानों के भीतर श्रोत्रेन्द्रिय 10. दर्शनकेन्द्र भृकुटियों के मध्य पिट्युटरी आज्ञा चक्र 11. ज्योतिकेन्द्र ललाट के मध्य हाइपोथैलेमस 12. शांतिकेन्द्र सिर का अग्र भाग पीनियल सहस्रार चक्र 13. ज्ञानकेन्द्र सिर के ऊपर का वृहद् मस्तिष्क भाग (चोटी का स्थान) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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