Book Title: Leshya aur Manovigyan
Author(s): Shanta Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 234
________________ 224 15. गोम्मटसार 16. ज्ञानार्णव 17. झाणज्झयणं 18. ठाणं 19 तत्वार्थसूत्र 20. तत्वार्थसूत्र सर्वार्थसिद्धि टीका 21. तत्वार्थसूत्र राजवार्तिक टीका 22. तत्वानुशासन 23. त्रिपष्टिश्लाका पुरुषचरित्रम् 24. दसवेआलियं 25. दीघनिकाय अट्ठकथा 26. दीघनिकायपालि 27. नन्दी चूर्णि 28. नन्दी सूत्र नवसुत्ताणि 29. 30. पंचास्तिकाय 31. परमात्मप्रकाश, योगसार 32. पुरुषार्थसिद्धयुपाय 33. प्रवचनसार 34. प्रशमरतिप्रकरण 35. प्रज्ञापना सूत्र Jain Education International लेश्या और मनोविज्ञान : ( जीवकाण्ड - कर्मकाण्ड), नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात), 1984, 1986 : शुभचन्द्राचार्य, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, 1980 : जिनभद्रगणि, हरिभद्रीयवृत्ति, ओरियन्टल रिसर्च ट्रस्ट, मद्रास, 1971 : हिन्दी अनुवाद सहित, संपादक एवं विवेचक - आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं (राजस्थान ), 1976 उमास्वाति, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा : : : : पूज्यपाद, शोलापुर, 1918 अकलंक, कलकत्ता, 1929 रामसेनाचार्य, माणिकचन्द्र, दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई : आचार्य हेमचन्द्र, संपादक ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट, पूना, 1931 : संपादक एवं विवेचक (मुनि नथमल ) आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.), 1974 : सुमंगलविलासिनी, खण्ड 1-3, आचार्य बुद्धघोप, पालि टेक्स्ट सोसायटी, लन्दन, 1886-1932 - : त्रिपिटक, सम्पादक- भिक्षु जगदीश कास्यप, पालि प्रकाशन मण्डल, नालन्दा, (बिहार), 1958 : जिनदास महत्तर, रूपचन्द्र नवलमल पाडी, सिरोही, 1931 - एच. एम. जानसन, : सम्पादक - सुबोध मुनि, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, 1958 : भाग-5, सम्पादक- आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती, लाडनूं ( राजस्थान), 1987 : कुन्दकुन्दाचार्य, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात), 1986 : योगीन्दुदेव, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात), 1988 : अमृतचन्द्राचार्य श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात), 1986 : कुन्दकुन्दाचार्य, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास (गुजरात), 1984 : उमास्वाति, संपादक पं. राजकुमार साहित्याचार्य, श्रीपरमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, 1950 : वृत्ति सहित, श्यामाचार्य, वृत्ति मलयगिरि, आगमोदय समिति, मेसाणा, 1918 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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