Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
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उज्जोयणसूरिविरइया 1 कच्छउड-णिक्खित्त-सरस-णहवयाओ 'य। मण्णा गाम-जुवईओ इव रीरिय-संख-वलयकाय-मणिय-सोहामो कच्चूर-बयण- 1 णिम्महंत-परिमलाओ य । अण्णा रण-भूमीमो इव सर-सरासणभसं-चक्क-संकुलाओ मंडलग्ग-णिचियाओ य । मण्णा मत्तमायंग-घडाउ इव पलंबत-संख-चामर घंटा-सोहामो ससंदूरामो य । अण्णा मलय-वण-राईमो इव संणिहिय-धिविह-ओसहीओ 3 बहु-चंदणामोय । अण्णा सजण-पीईमोइव सिणेह-णिरंतराओ बहु-खज-पेज-मणोहराओ.य । अण्णा मरहटिया इव उहाम
हलिही-रय-पिंजराओ पयड-समुग्गय-पभोहर-मणोहरायो य ।अण्णा णदण-भूमिमो इघ ससुरामो संणिहिय-महुमासामो ति। B ६१६) अवि य ।
जं पुद्दईऍ सुणिज्जइ दीसइ जं चिंतियं च हियएण। तं सब्वं चिय लडभइ मग्गिजतं विवणि-मग्गे ॥ जय य । जुवईयण-णिम्मल-मुह-मियंक-जोण्हा-पवाह-पसरेण । घर-बावी-कुमुयाई मउलेड णेय चाएंति ॥ मिम्मल-माणिक-सिहा-फुरंत-संकंत-सूर-कतेहिं । दिय-राई-णिव्विसेसाह णवरि वियसंति कमलाई॥ जल-जंत-जलहरोत्थय-णहंगणाहोय-वेलविजंता । परमस्थ-पाउसे वि हुण माणसं जति वर-हंसा ॥
कर-ताडिय-मुरव-खुच्छलंत-पडिसइनाजिउकंठा । गिम्हम्मि-वि हलबोलेंति जत्थ मत्ता घर-मकरा ॥ 12 णेउर-रव-रस-चलिया मग्गालग्गंत-रेहिरा हसा । जुवईहि सिक्खविज्जति जत्थ बाल व्व गइ-मग्गे।।
भणिए विलासिणीहिं विलास-भणियम्मि-मंजुले वयणे । पडिभणिएहि गुणेइ व घर-पंजर-सारिया-सत्यो।
जत्थ य पुरिसो एकेकमो वि मयरद्धओ महिलियाण । महिला वि रई रइ-वम्महेहि ठाणं चिय ण लद्धं ॥ 18 इय जं तत्थ ण दीसइ तं णस्थि जयम्मि किंचि अच्छरिय । जं च कहासु वि सुम्वइ त संणिहियं तहिं सर्व ॥ भह एक्को चिय दोसो भाउच्छ-णियत-बाह-मइलाई । दइया-मुहाई पहिया दीणाई ण सभरति जहि ॥
१७) जत्य य जणवए ण दीसइ खलो विहलो व । दीसह सजणो समिद्धोध, वसणं जाणा-विण्णाणे च, उच्छाहो 18 धोरणे व, पीई दाणे माणे व, भन्भासो धम्मे धम्मे व त्ति । जत्थ य दो-मुहउ णवर मुइंगो वि । खलो तिल-वियारो वि। 18
सूयभो केयइ-कुसुमुग्गमो वि। फरुसो पत्थरो वि। तिक्खओ मंडलग्गो घि । अंतो-मलिणो चंदो वि । भमणसीलो महुयरो वि । पवसइ हंसो वि । चित्तलओ बरहिणओ वि । जलु कीलालो वि । भयाणो बालओ वि । चंचलो वाणरो वि। परोवयावी जलणो वि त्ति । जत्य य
पर-लोय-तत्ती-रय णवर दीसंति साहु-भडरय । कर-भग्गई णवर दीसंति पर करिहिं महहुमई ॥
दंडवायाई णवरि दीसंति छत्ताण य णचणहं । माया-बंचणाई णवरि दीसंति इंदियालिय-जणहं ॥ विसंवयंति णवर सुविणय-जंपियई । खंडियई णवरि दीसंति कामिणियमहो अहरई । ढ-बद्धई णवरि दीसंति कणय-24 संगहेहिं महारयणई । वलामोडिय घेण्पति णवर पणय-कलह-कय-कारिम-कोव-कुविय-कंत-कामिणियणहो बहरई.वियडकामुएहिं ति । अहवा। 7 कह वणिजइ जा किर तियसेहिं सक-वयण । पढम-जिण-णिवासत्यं णिम्मविया सा भउज्झ ति॥
१८) तम्मि य राया दरियारियारण-घडा-कुंभ-स्थल-पहर-दलिय-मुसाहलो । मुत्ताहल-णिवह-दलंत-कंत-रय-धूलि-धवल करवालो।
1) निक्खित्त, P अन्ना, रीरीयाः, J वया- for वयण. 2)निम्म',P अन्ना, सरासणम्भस'P सराणम्भस, मण्ड', Jणिचिआउ P निचिलाओ, P अन्ना. 3) Pचिय for इव, अ for य, P अन्ना, मलअ, राइउ, सणि' ' सन्नि',
विविहोस'. 4) Pअन्ना, पीसीओ इव P पाईतो यव, P निरं', पेम्म for पेज, P अन्ना, मरहद्विआ P मरहटियाभो. 5) Jadds य before पयड, समुग for समुम्गय, सण्णिासनि7) हिमपण JP || छU, P जीए च for जत्थ य. 8) जुबईअण P जुईयण, P निम्मल, कुमुआई नेय चायति. 9). मिम्मल, P सैकंतरविकरणोहि।, किन्तेहिं । दिम, F निवि,Jणवर P नवरि, विअसंति. 10) Pणभंगणामोय, P न. 11) P गिम्हंमि, P जत्त- 12) Pउर, 'P'सं for रस, P जुयईहि. 13) विलाण, भणियं पि P वइयंमि, सारिआ. 14) चिम, न. 15) P न, P नस्थि, JP जयंमि, Jण for वि, JP सण्णि'. 16) Pच्चियं, P नियत्तवाह, न. 17) Pब्व for व, F.व for व, बसणु णाणा, P वसणन्नाणे विन्नाणे च, उच्छाहु. 18).पीबी, IP माणे च, J धम्मे । धम्मे च त्ति ॥ छ ।, Pभम्मे चम्मच, P नवर, P तिलवयारो. 19) सूअउ P सूअओ, केअइP केद, Pकुसुम', फरस, अतिक्खड P तक्खयो, ७ मण्ड' P मंडलो वि, सीलु. 20) वरहिणउ P विरहिणो, बालउ बालउ वि, P वि for
विचबलु बी (य)गयो वि tor चंचलो eto., P वानरो. 21) Pव for वि,त्ति ॥छ,Jom. य. 22) लोअ, P भरय। P भगई नवर, Pकरदि, Pमहादुमई. 23. Pदंडवायइंनवरि..Jadds on the margin छत्ताण...नवर दीसंति, P नचणई, P वंचणय, नवरा नवरि. 24)" जंपिआई, खण्डिअई, Pगरि, 'णिअणहो, Pणीणहहो, णवर P नवरि. 25) रयणमई, वलसमोडिय पति, P. वलामोढिए, IP नवर, P'म कारियकोव, कुषिभ, कामिणिअणहो P कामिणीअणहो. 26) ति॥छ, "एहि त्ति. 27) वा निम्म',P सा विउ,ति॥छ ॥ Pत्ति॥छ. 28) Pतंमि, Jom. य. 29) वारणापड, निवड, P भूलिचवल.
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