Book Title: Kundkundacharya Charitra
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 7
________________ ॥ श्रीनिमय नमः ।। में श्री कुंदकुंदाचार्य चरित्र. RREARRESPECIARRIArea (इ. स. पूर्वे पांचसो वर्षनो जेनोनो संक्षिप्त इतिहास.) मंगलं भगवान्वीरो मंगलं गौतमो गणी। मंगलं कुंदकुंदायो जैनधर्मास्तु मंगलम् ।। भरतखंडना इतिहासमाधी इस्वीसन पूर्व त्रणे चार शतक पर्यंतनो काळ अथवा तेनी पछीना वे त्रण शतकपर्यंतनो काळ अमूल्य एवा विद्वान नररसोथी एकदम परिप्लुत हतो, एवं इतिहास जोनारामो तरतज समजी सकगे, कारण के ते काळे गौतम बुद्ध जेवा महर्षि, चाणक्य नेवा राजकारस्थानी पुरुष, चंद्रगुप्त, अशोक, विक्रमादित्यादि सरखा दयालु, धार्मिक मने शूर राजा हता पने कालिदास, भवभूति भने नाण सरसा उचम कवि मने प्रयकार उत्पन्न थईने पोताना उदार धर्मन

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