Book Title: Kundkundacharya Charitra
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 33
________________ कुंदकुंदाचार्य चरित्र. २७ ज्ञान [ त्रैलोकमांना सर्व, स्थावर, जंगम जीवोनु, देवादिकोनु, स्वर्ग, मृत्यु अने पाताल- ज्ञान होवू ते. ] तेनी प्राप्ति थयेली छे. १२ अंग अने १४ पूर्व जेटलं ज्ञान तेओने छे. १२ अंगर्नु संक्षित वर्णन: १ आचारांग-मुनि क्रिया, २२ परिषह, २४ परिग्रह वर्णनात्मक शास्त्र, २ मुत्रकृतांग-देव, गुरु, शाल, धर्मनुं तथा श्रावकोर्नु विनयात्मक शास्त्र. ३ स्थानांग- गृणस्थान अने १४ गुणस्थानोनुं वर्णनात्मक शास्त्र. ४ समवायांग-द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव, धर्म, अधर्म, ७ नरक, १६ स्वर्ग, वर्णनात्मक शास्त्र. - ५ व्याख्याप्रज्ञप्ति जीव, अस्ति, नास्ति, नित्य, अनित्य अने ६०००० प्रश्नोत्तरो. ६ ज्ञातकथांग-तीर्थकरना तथा गणधरना पुण्यनुं वर्णनात्मक शास्त्र. __ ७ उपासकाध्यन-अहंत देव, निग्रथ गुरु, दय,धर्मर्नु वर्णनात्मक शास्त्र. ८ अंतकृतांग-अंतकृत केवलीनुं वर्णनात्मक शास्त्र.

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