Book Title: Kundkundacharya Charitra
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 29
________________ कुंदकुंदाचार्य चरित्र. २३ |चार्य ज्या पट्टपर ११ मुं वर्ष वेतुं, त्यारथी इसवीसन शरु थयो. तदुपरात बीजा भद्रबाहूनी समयमां विक्रम संवत् ४ हतो. आ संवत् विक्रम राजाना गादीपर वेसवाथी शरु थयो, आ ग्रंथपरथी जणाय छे. 7 - विक्रमनो अन्म, ज्यारे सुभद्राचार्यने पट्टपर बेठां वे वर्ष थया त्यारे थयो, एवो उल्लेख छे. विक्रम राजाने बांबीसमे वर्षे सिंहासन मळ्युं एवं ठरे छे. विक्रम संवत्ना समय पछी इसवी सन ३८ वर्षथी शरु थयो, एवं आ परथी ठरे छे, पण वास्तविक शेते आज विक्रम संवत् अने इसवी सन बेमा जे अंतर देखाय छे ते छप्पन वर्षनुं छे, त्यारे विक्रम संवत् ने आज प्रचलित छे ते तेना जन्मथी थयो हशे एवं देखाय छे, कारण के सुभद्राचार्यने पट्टपर ४ अधिक वर्ष, यशोभद्राचार्यनां १८ वर्ष अधिक, बीना भद्रबाहूना २३ वर्ष अने लोहाचार्यना ११ वर्ष मळी ( ४ - १४-२३ – ११=५६ ) एम ५६ वर्ष बराबर मंळी रहे छे.. आ-परथी विक्रम जन्मंथी ते आजनो प्रचलित संवत् शुरु भयो एवं दीसे छे, पण आ संवत् छे एवं टरे छे, सारांश के वीर संवत्ना ४७० वर्ष पछी विक्रम संवत् शरु थयेलो छे, पण वीर सत् विक्रमना जन्मथी चाहयो होय. तो ते बराबर छे. तेना राज्यथी किंवा अंतथी मान्यो होय, तो केटांक वर्ष 1 -

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