Book Title: Kundkundacharya Charitra
Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

View full book text
Previous | Next

Page 23
________________ कुंदकुंदाचार्य चरित्र. ५. देवोनुं विमान उपर पार्छ जतां जोयु. फल-पंचम काळमा चारण मुनि विद्याधर आ भूमिमां आवशे नहि. ६. उकरडापर कमलोत्पत्ति. फल-बहुधा वैश्य लोक मात्र जैनधर्म पाळशे. ब्राह्मण अने क्षत्रि अन्यमती थशे. ७. संतोनुं वृंद नाचतुं जोयु. फल-आ पंचमकाळमां मनुप्यो चंडी, मुंडी, मैरगति नाना प्रकारना कुदेवोनी सेवामां रही अनेक जीवोनी हिंसा करशे. ___ . ८. आगीने चमकतो जोयो. ___ फल-जैनधर्म सम्यक् सविस्तर रहशे नहि अने मिथ्यात्वनो प्रचार थशे. ९. सरोवर बहुधा सूकुं हतुं तेमा एक बाजु थाडा पाणी जोयां. फल-जे ठेकाणे जिन कल्याणिक थशे त्यां धर्मनी क्षीणता थशे. १०. सोनानां पात्रमा कुतरां खीर खाता जोयां. फल-उत्तम कुळमाथी लक्ष्मी नीचकुळमां रहे

Loading...

Page Navigation
1 ... 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61