Book Title: Kavivar Boochraj Evam Unke Samklin Kavi
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ (iv) ६. महाकवि भूधरवास एमं बुलाकीदास १०. बोधराज गोदीका एवं हेमराज ११. महाकवि द्यानतराय ए आनन्दधन १२. पं. भगवतीदास एणे भाउ कार्य १३. कबिदर खुशालचन्द काला एगे अजय राज पाटनी १४. कविवर किमानसिंह, नयमल बिलासा एवं पाण्डे लालचन्द १५. कविवर बुधमन एवं उनके समकालीन कवि १६. कविवर नेमिचन्द्र एवं इर्षकीत्ति १७. मन्या भगवतीदास एवं उनके समकालीन कवि १८. कविवर दौलतराम एक अत्तदास १६. मनराम, मना साह एवं लोहट कवि २०. २० वीं शताब्दी के जैन कवि उक्त २० मागों को प्रकाशित करने के लिए निम्न प्रकार एक पम्सवर्षीय योजना बनाई गयी हैवर्ष पुस्तक संख्या १६७८ १६७६ १६८० १९८१ १९८२ उक्त योजना के मन्तर्गत अब तक पांच गाग प्रकाशित हो जाने चाहिए थे लेकिन प्रारम्भिक एक वर्ष योजना के क्रियान्वय के लिए प्राधिक साधन जुटाने में लग गया मोर सन् १९७८ में तीन पुस्तकों के स्थान पर केवल एक पुस्तक महाकवि ब्रह्म रायमल्ल एवं भट्टारक त्रिभुवनकोत्ति" का प्रकाशन किया जा सका । प्रस्तुत पुस्तक "कविवर बूचराज एतं उनके समकालीन कवि" उसका दूसरा पुष्य है । इस वर्ष कम से कम दो भाग भोर प्रकाशित हो सकेंगे। भाषिक पत्र-भकादमी का प्रत्येक भाग कम से कम ३० पृष्ठों का होगा । इस प्रकार प्रकादमी करीब ६ हजार पृष्ठों का साहित्य प्रथम पांच वर्षों में अपने सदस्यों को उपलब्ध करावेगी। पूरे २० भागों के प्रकाशन में करीब दो लाख रुपये ग्यय होने का अनुमान है। योजना का प्रमुख माथिक पक्ष उसके सदस्यों द्वारा प्राप्त शुल्क होगा।

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 315