Book Title: Karmagrantha Part 1 2 3 Karmavipaka Karmastav Bandhswamitva
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 3
________________ पार्श्वनाथ विद्यापीठ ग्रन्थमाला सं. 156 प्रधान सम्पादक : डॉ. सागरमल जैन पुस्तक : कर्म विपाक अर्थात् कर्मग्रन्थ (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाग) हिन्दी अनुवाद : पं. सुखलाल संघवी प्रकाशक पार्श्वनाथ विद्यापीठ, आई.टी.आई. रोड, करौंदी, वाराणसी-221005 फोन : 0542-2575521 Emails : pvri@sify.com parshwanathvidyapeeth@rediffmail.com संस्करण प्रथम पुनर्मुद्रित संस्करण ई. सन् 2008 © पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराण ISBN : 81-86715-91-6 मूल्य : रु.400/- मात्र अक्षर-सज्जा विमल चन्द्र मिश्र, डी. 53/97, ए-8, पार्वतीपुरी कालोनी, गुरुबाग कमच्छा, वाराणसी मुद्रक वर्द्धमान मुद्रणालय भेलूपुर, वाराणसी-221010 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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