Book Title: Jivandhar Charitra
Author(s): Kshatrachudamani
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 114
________________ पीडाओ जती रही. ५९. कारण के विरुद्ध पदार्थ जोवाथी चिरस्थायी पदार्थ पण नाश पामे छ; अर्थात् सुख मळवाथी पहेलांनु बधुं दुःख जतुं रहे छे. शुं दीवो पासे आववाथी पण गुफा, मुख अंधकारयुक्त रही शके छ ? नहि. ६०. पछी महाराजा जीवंधरे गोविन्दराजे आपेली नवुतिनी पुत्री लक्ष्मणा साथे लग्न कर्यु. विवाहमां खंडीआ राजाओए बहु भारे उत्सव मान्यो. ६१. आ प्रमाणे श्रीमान् वादीभसिंहसूारिए रचेल क्षत्रचूडामाणि ग्रन्थमां " लक्ष्मणालम्भ" नामे दशमुं प्रकरण पूर्ण थयुं.

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