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समर्पण
मेरे पूज्य पिता स्वर्गीय
मुनिश्री चन्द्रकांतसागरजी को
'जो कुछ भी प्रस्फुटित हुआ है वह उन्हीं बीजों का परिणाम है जो आपने मेरे जीवन में बोए थे।'
- चित्रभानु
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