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युगप्रधान आ. जिनदत्तसूरिजी का जैन धर्म एवं साहित्य में योगदान भाषाओं के विकास की परम्पराओं का भी सुन्दर अनुभव होता है । यद्यपि आचार्यश्री की अधिकतर कृतियाँ मानजीवन की नैतिकता को उच्चस्तर पर प्रतिस्थापित करने से सम्बद्ध हैं एवं उस समय के चरित्रहीन चैत्यवासी धर्मगुरुओं के प्रति विद्रोह की चिनगारी
आचार्यश्रीने अपने साहित्य में मुख्य रूप से संस्कृत, प्राकृत एवं अपभ्रंश भाषाओं को ही प्रमुखता दी है, जिनका न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्त्व है अपितु भाषाविज्ञान की दृष्टि से भी अध्ययन--अध्यापन के लिए तथ्ययुक्त है। जैन मुनियों की परम्परा एवं साहित्य निर्माताओं की एक ऐसी विशेषता रही है कि न केवल उन्होने विद्वत्भोग्य साहित्यसृजन ही किया है अपितु लोकभोग्य साहित्य का भी पर्याप्त प्रमाण में प्रणयन किया है। वे सभी भी पाण्डित्य प्रदर्शन को प्रधानता नहीं देते थे। इस प्रकार भारतीय देश्य-भाषाओं के विकास में जितना योगदान जैन विद्वानों का है उतना अन्य किसी सम्प्रदाय का नहीं है। यद्यपि आचार्यश्री की कृतियाँ देखने में बहुत बड़ी नहीं है परन्तु उपयोगिता की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। या इस प्रकार कहा जाय किजीवन, साहित्य, समाज एवं सम्प्रदायादि का कोई कोना आचार्यश्री की पैनी दृष्टि एवं परिमार्जित लेखनी से अछूता नहीं रहने पाया है।
___ विधिमार्ग का प्रचार तथा जिनधर्म के प्रसार की अपेक्षा भी युगप्रधान आचार्यश्री का जो सर्वोत्कृष्ट कार्य है और जो सदा अमर रहकर उनको भी अमर रखेगा वह है उनका साहित्य-सर्जन। उन्होने मारवाड़, सिन्ध, गुजरात, बागड़, मालवा आदि अनेक देशों में विहार करके जैन शासन को महान सेवा के साथ-साथ लोकहित सम्पादन करने के लिए संस्कृत प्राकृत व अपभ्रंश भाषा में अनेक ग्रन्थों की रचना की । वे ग्रन्थ परिमाण में लघुकाय होते हुए भी महत्त्व की दृष्टि से खूब सराहनीय हैं।
उनकी रचनाओं का सामान्य एवं संक्षिप्त सार लेखन निम्न प्रकार है
(१) श्री जिनदत्तसूरि विरचित चर्चरी ४७ गाथाओं से गुम्फित ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में युगप्रधान आचार्यश्री जिनवल्लभसूरिजी की स्तुति की गयी है। किन्तु उनकी स्तुति के साथ-साथ जिनवल्लभसूरिजी के अनाचारी चैत्यवासियों के अविधिमार्ग का उच्छेद कर जिस विधि-विहित वसतिवास की स्थापना की उसका भी विस्तृत उल्लेख किया गया है।
चैत्यों के (१) विधिचैत्य (अनिश्राचेत्य)(२) निश्रा चैत्य और (३) अनायतन चैत्य आदि का भेदोपभेद के साथ अच्छी तरह से स्पष्टीकरण के साथ वर्णन किया गया
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