Book Title: Jinduttasuri ka Jain Dharma evam Sahitya me Yogdan
Author(s): Smitpragnashreeji
Publisher: Vichakshan Prakashan Trust

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Page 274
________________ युगप्रधान आ. जिनदत्तसूरिजी का जैन धर्म एवं साहित्य में योगदान २५७ प्रभावक आचार्य मुनि जिन विजयजी सिंधी जैन ज्ञानपीठ कलकत्ता १९४० भैरवापद्यावतीकल्प साराभाई मणिलाल नवाब जैन साहित्योद्वार ग्रंथावली अहमदाबाद १९३७ महानिसीह मूल सुत्तंसंपा. मुनि दीपरत्नसागर आगमश्रुत प्रकाशन अहमदाबाद १९९६ महानिसीहसूत्र गुर्जरछाया संपा.-मुनि दीपरत्नसागर आगम श्रुत प्रकाशन अहमदाबाद १९९७ संदेह दोलावली प्रकरण जिनदत्तसूरि टीका. प्रबोधचन्द्रगणि निर्णयसागर प्रेस बम्बई १९१८ समराइच्चकहा एस्याटिक सोसायटी ओफ हरिभद्रसूरि टीका. हर्षराज उपाध्याय बंगाल (कलकत्ता) १९२९ संदेह दोलावली हीरालाल हंसराज जिनदत्तसूरि टीका. जयसागर उपाध्याय जामनगरवाले संघपट्टक जिनदत्तसूरिज्ञान भंडार, जिनवल्लभसूरि टीका. हर्षराज उपाध्याय सूरत १९४३ *** Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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