Book Title: Jinduttasuri ka Jain Dharma evam Sahitya me Yogdan
Author(s): Smitpragnashreeji
Publisher: Vichakshan Prakashan Trust

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Page 280
________________ युगप्रधान आ. जिनदत्तसूरिजी का जैन धर्म एवं साहित्य में योगदान २६३ जैन धर्म नी प्राचीन अर्वाचीन स्थिति बुद्धिसागर सूरिश्वर आत्माराम ज्ञानप्रसारक मंडल, पादरा १९२८ जैन इतिहास नी झलक मुनि जिनविजयजी महावीर जैन विद्यालय बम्बई १९७८ जैन काव्य दोहन मनसुखलाल मेहता सत्यविजय प्रिन्टिंग प्रेस अहमदाबाद १९१३ मध्ययुगीन भारत खण्ड-१ डा. छोटुभाई र. नायक गुजरात युनि. अहमदाबाद _ १९६७ मनुस्मृति गुज.अनु.शंकरदत्त, पार्वतीशंकर सस्तु साहित्यवर्धक कार्यालय, बम्बई १९४३ मध्यकालना साहित्य प्रकारो डा. चन्द्रकान्त मेहता एन. एम. त्रिपाठी प्रा.लि. प्रिन्सेस स्ट्रीट, बम्बई-२ १९५८ भजन पद संग्रह भाग-४ योगशास्त्र बुद्धिसागरजी अध्यात्मज्ञान प्रसारक मंडल डायमंड जुबली प्रिन्टिंग प्रेस १९०९ हेमचन्द्राचार्य गुज. अनु. केशरसूरिश्वरजी म.सा. मुक्तिचन्द्रश्रमण आराधना ट्रस्ट, पालीताना १९३० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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