Book Title: Jinabhashita 2007 10 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 3
________________ रजि. नं. UPHIN/2006/16750 अक्टूबर 2007 सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन कार्यालय ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल- 462039 (म.प्र.) फोन नं. 0755-2424666 सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़ पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी (मे. आर. के. मार्बल) किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) फोन : 0562-2851428, 2852278 सदस्यता शुल्क 5,00,000रु. 51,000रु. 5,000रु. 1100 रु. 150 रु. शिरोमणि संरक्षक परम संरक्षक संरक्षक आजीवन वार्षिक एक प्रति 15.रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें। Jain Education International मासिक जिनभाषित • जैन और हिन्दू • आचार्य श्री विद्यासागर जी के दोहे सम्पादकीय : कुन्दकुन्द - कहान लेख · जल : एक अनुचिन्तन : मुनि श्री चन्द्रसागर जी • सम्यग्दर्शन दुर्लभ है, सम्यग्दृष्टि नहीं · अन्तस्तत्त्व भारत के मुस्लिम स्मारकों पर जैन स्थापत्यकला का प्रभाव : डॉ० डब्ल्यू. एच. सिद्दीकी • जिज्ञासा समाधान काव्य • • गोम्मटेश गीत : मुनि श्री प्रणम्यसागर जी : डॉ० ज्योतिप्रसाद जी जैन • बलिहारी गुरु आपकी मारग दियो बताय : डॉ० ज्योति जैन : प्रो० (डॉ०) विमला जैन • उत्तम ब्रह्मचर्य • प्रज्ञापुरुष मनोहारी, स्नेह वत्सल व्यक्तित्व प्रो० प्रफुल्ल कुमार मोदी : अरुण जैन • अहिंसादिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व वर्ष 6, मुनिश्री क्षमासागर जी की कविताएँ : डॉ० कपूरचन्द्र जैन : पं. रतनलाल बैनाड़ा For Private & Personal Use Only कथाएँ : मुनि श्री समतासागर जी • भगवान् नमिनाथ • भगवान् नेमिनाथ समाचार : ब्र. शान्तिकुमार जैन लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है । 'जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा। अङ्क 10 पृष्ठ आ. पृ. 2 2 4 6 10 16 2220 21 24 22880 26 3 आ. पृ. 3 27 19 30 31-32 www.jainelibrary.orgPage Navigation
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