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जैन विद्या
जम्बूस्वामीचरित्र विषयक अनेक ग्रन्थों का नामोल्लेख जिनरत्नकोश में हुआ है। डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री 46 ने भी कुछ कृतियों का उल्लेख किया है । डॉ. गुलाबचन्द चौधरी ने 47 भी एतद्विषयक काव्यों की सूची प्रस्तुत की है विशेषतः संस्कृत प्राकृत काव्यों की । इनके प्राधार पर हम प्राप्त काव्यों की सूची प्रस्तुत कर रहे हैं
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1. दबासागर
2. जिनसेन
3. अज्ञात ( रत्नसिंह शिष्य )
4. सकलचन्द्र
5. प्रद्युम्नसूरि
6. विद्याभूषरण भट्टारक
7. पद्मसुन्दर
8. सकल हर्ष
9. मानसिंह
10. प्रज्ञात
11. प्रज्ञात
12. प्रज्ञात
13 अज्ञात
14. प्रज्ञात
15. अज्ञात
जम्बूस्वामीचरित
जम्बूस्वामी पुराण
जम्बूस्वामीचरित (संस्कृत)
जम्बूरि ( प्राकृत)
जम्बूचरित्र जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृत)
जम्बूसामिचरिय ( प्राकृत ) जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृत) जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृत)
जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृतगद्य ) जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृत)
जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृत गद्य)
जम्बूस्वामीचरित्र (संस्कृत) जम्बूचरित्र ( अपभ्रंश ) म्बूस्वामी ( प्राकृत )
17वीं शती विक्रम 17वीं शती
17at
16at
16at
17at
1. जादो सिद्धो वीरो तदिवसे गोदमो परमणाणी । जादो तस्मिं सिद्धे सुधम्मसामी तदो जादो || तम्मि कदकम्मणासे जंबूसामित्ति केवली जादो । तत्थवि सिद्धिपवणे केवलिरणो णत्थि प्रणुबद्धा || बासट्टी वासाणि गोदम पहुदीण णाणवंताणं । धम्मपयट्टणका
परिमाणं
पिंडरूवेण ॥
प्रज्ञात
प्रज्ञात
अज्ञात
प्रज्ञात
प्रज्ञात
अज्ञात
प्रज्ञात
अज्ञात
अज्ञात
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2. मुनि नथमल, जैनदर्शन मनन और मीमांसा, चुरू 1977, पृष्ठ 111 ।
3. सिंघी जैन ग्रंथमाला बम्बई से 1959 ई. में प्रकाशित प्राकृत साहित्य का इतिहास, जगदीशचन्द्र जैन ।
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इस प्रकार जम्बूस्वामी के चरित्र पर विस्तार से काव्य-सृजन हुआ है जो जम्बूचरित्र की विशेषता के साथ ही जैन कवियों की विकसोन्मुखी चेतना का परिचायक है। वस्तुतः यह विषय अनेक स्वतन्त्र शोध-प्रबन्धों की अपेक्षा रखता है । शोध निदेशकों और शोधकर्तानों को इस ओर दत्तावधान होना चाहिये ।
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-तिलोयपण्णत्ती 4. 1476-1478