Book Title: Jain Vidya 05 06
Author(s): Pravinchandra Jain & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 153
________________ इस अंक के सहयोगी रचनाकार 1. श्रीमती अलका प्रचण्डिया 'दीति'-एम. ए. (संस्कृत एवं हिन्दी), अपभ्रंश भाषा संबंधी विषय पर पीएच.डी. हेतु शोधरत । कवयित्री एवं लेखिका ।. इस अंक में प्रकाशित निबन्ध-जंबूसामिचरिउ में छन्दयोजना । सम्पर्क सूत्र-मंगलकलश, 394, सर्वोदय नगर, आगरा रोड़, अलीगढ़-202001, उ.प्र. । 2. डॉ. प्रादित्य प्रचण्डिया 'दीति'-एम.ए., पीएच.डी., डी.लिट. उपाधि हेतु शोधरत । कवि, लेखक एवं समीक्षक । रिसर्च एसोसिएट, हिन्दी विभाग, कन्हैयालाल मुंशी भाषाविज्ञान एवं हिन्दी विद्यापीठ, मागरा। इस अंक में प्रकाशित निबन्ध-जम्बूसामिचरिउ का साहित्यिक मूल्यांकन । सम्पर्क सूत्र-मंगलकलश, 394, सर्वोदयनगर, मागरा रोड़, अलीगढ़-202001, उ. प्र.।। 3. डॉ. कपूरचन्द जैन-एम. ए., पीएच. डी., साहित्य-सिद्धान्तशास्त्री। कवि, लेखक एवं समीक्षक । धार्मिक, सामाजिक व साहित्यिक संस्थानों से सम्बद्ध । अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, कुन्दकुन्द महाविद्यालय, खतौली। इस अंक में प्रकाशित निबन्ध-जंबस्वामीचरित विषयक जैन साहित्य । सम्पर्क सूत्र-130, बड़ा बाजार, खतौली-251201, उ. प्र. । 4. डॉ. कमलचन्द सोगानी-बी. एससी., एम.ए., पीएच. डी. । नीतिशास्त्रीय एवं दार्शनिक शोध-पत्रों व पुस्तकों के लेखक-सम्पादक । देश-विदेश में सम्मानित । अनेक शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक संस्थानों से सम्बद्ध । प्रोफेसर, दर्शन विभाग, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर । इस अंक में प्रकाशित निबन्ध-जंबूसामिचरिउ के मंगल प्रसंगव्याकरणिक विश्लेषण । सम्पर्क सूत्र-टी. एच. 4, स्टॉफ कॉलोनी, यूनिवर्सिटी न्यू कैम्पस, उदयपुर-313001, राज. ।

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