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वोल नं०
पृष्ठ बोल नं० ९०० दृष्टान्त नन्दी फल का ४६४ ८३१ नियमचौदहश्रावक के २३ ९०० दृष्टान्त पुद्गलों के शुभा
८९७ निम्रन्थ के प्राचार शुभपरिणाम विषयक ४५८ विषयक गाथाएं अठारह ४१६ ८४८ देवलोक में उत्पन्न होने ८४७ निवृत्तिबादरगुणस्थान ७६
वाले जीव ११५ ८४७ देश विरत गुणस्थान ७५ ८८७ दोष अठारह अरिहन्त
। ८४२ पढमापढम के चौदह द्वार ३८ भगवान में नहीं पाये ८७५ पद्मावती ३६६ • जाने वाले ३९७ / ८५८ पन्द्रह कर्मभूमि १४२ ८९४ दोष अठारह पौषध के ४१०
८६० पन्द्रह कर्मादान १४४ ८९९ दोष उन्नीस कायोत्सर्ग के ४२५
पन्द्रहवाँ बोल संग्रह ११७ १८७२ द्रव्यावश्यक के सोलह
८८१ पन्नवणा सूत्र, इक्के सवें विशेषण १७६
शरीर पद के द्वार ३८५ ८७५ द्रौपदी
२७५
८५९ परमाधार्मिक पन्द्रह १४३
८४७ परिषह बाईस ९०० धन्ना सार्थवाह और
८९५ पापस्थान अठारह ४१२ विजय चोर की कथा ४३४
९०० पुण्डरीक और कुण्डरीक
की कथा ४७२ ८४४ नदियों चौदह ४५ / ९०० पुण्डरीक ज्ञात अध्ययन ९०० नन्दमणियार की कथा४६० । उन्नीसवां ९०० नन्दी फल का दृष्टान्त ४६४ । ८० पुद्गलों के शुभाशुभ विप९०० नन्दीफल ज्ञात अध्ययन
यक दृष्टान्त ४५८ पन्द्रहवां (ज्ञातासूत्र) ४६४
८७५ पुष्पचूला ३६४ ८४७ नियट्टिवादर गुणस्थान ७६ } ८५३ पूज्यता को बतलाने वाली