Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 23
________________ ४१३ (७१८ के बजाय | ७३८ दिक्कुमार देवों के ६१८ भूल से छपा है ३९१ दस अधिपति ४९९ ७१९ नाम दुस प्रकार का ३९५ ७३९ वायुकुमारों के दस ७२० अनन्तक दस .. ४०३ अधिपति ७२१ संख्यान दस ४०४ ७४० स्तनितकुमार देवों के ७२२ वाद के दस दोष ४०६ दस अधिपति ४२० ७२३ विशेष दोष दस ४१० ७४१ कल्प न्न इन्द्र दस ४२० ७२४ प्राण दस ४१३ | ७४२ जम्भक देवों के दस ७२५ गति दस भेद ४२० ७२६ दस प्रकार के सर्वजीव ४१४ | ७४३ दस महद्धिक देव ४२१ ७२७ दस प्रकार के सर्वजीव ४१५ ७४४ दस विमान ४२१ ७२८ संसार में आने वाले | ७४५ तृण बनस्पतिकाय के प्राणियों के दस भेद ४१५ दस भेद ४२२ ७२९ देवों में दस भेद ४१५ / ७४६ दस सूक्ष्म ४२३ ७३० भवनवासी देव दस ४१६ ७४७ दस प्रकार के नारकी ४२४ ७३१ असुरकुमारों के दस ७४८ नारकी जीवों के वेदना अधिपति ४१७ दस ४२५ ७३२ नागकुमारों के दस ७४९ जीव परिणाम दस ४२६ अधिपति ४१८ | ७५० अजीव परिणाम दस ४२९ ७३३ सुपर्ण कुमार देवों के ७५१ अरूपी जीव के दस दस अधिपति ४१८ ७३४ विद्युतकुमार देवों ७५२ लोकस्थिति दस ४३६ के दस अधिपति ४१८ | | ७५३ दिशाएं दस ४३७ ७३५ अग्निकुमार देवों ७५४ कुरु क्षेत्र दस ४३८ के दस अधिपति ४१८ | ७५५ वक्खार पर्वत दस ७३६ द्वीपकुमार देवों के (पूर्व) ४३९ दस अधिपति ४६९/७५६ वक्खार पर्वत दस ७३७ उदधिकुमारों के दस । (पश्चिम) ४३९ अधिपति ४१९] ७५७ दस प्रकार के कल्पवृक्ष ४४० ४३४

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