Book Title: Jain Shrikrushna Katha
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
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जैन कथामाला : भाग ३३
से वाड़ा खोलकर पशुओ को मुक्त कर दिया और स्वय वापिस लौट आये । वीदान देकर श्रावण शुक्ला पष्ठी को प्रवजित हो गये। चौवन (५४) दिन की छद्मस्थ अवस्था के वाद आश्विन कृष्ण अमावस्या को उन्हें केवलज्ञान की प्राप्ति हो गई। राजीमती ने भी सयम स्वीकार कर लिया।
--त्रिषष्टि० ८९ -उत्तरपुराण ७१/१३०-१८१