Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 01
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 628
________________ मलधारि देव ११३ भू० १३७. | महेन्द्रचन्द्र ५५ भू० १३३. मलधारि देव, श्रीधरदेवके शिष्य ४२, महेश्वर ५४ भू. १३८.... ४३. माधनन्दि १०५ भू० १३४. मलधारि, नयनन्दिविमुक्तके शिष्य, माघनन्दि, कुमुदचन्द्र के शिष्य १२९. ३०४ भू० १५२. | माघनन्दि, कुलचन्द्रके शिष्य ४० भू० मलधारि मल्लिषेण, अजितसेनके शिष्य, ११२, १३२. . . ५४, ४९३, ४९५ भू० ११६, माघनन्दि, कुलभूषणके शिष्य ४०, भू. १३७, १४०, १५८., १३०. मलधारि रामचन्द्र, अनन्तकीर्तिके शिष्य, माघनन्दि, गुप्तिगुप्तके शिष्य भू० १२८. ४१. माघनन्दि, चतुर्मुखके शिष्य ५५ भू० मलधारि स्वामी १३८ भू० ९५. १३३. मलधारि हेमचन्द्र, गोपनन्दिके शिष्य, माघनन्दि, चारुकीर्तिके शिष्य ४१ ५५ भू० १३३. भू० १३०. मल्लिदेव २५१. माघनन्दि, नयकीर्तिके शिष्य ४२, मल्लिषेण ४६१ भू० १५८. १२४, १२८, १३० भू० १५७. मल्लिसेन भट्टारक १४६ भू० ११८, माघनन्दि, श्रीधरदेवके शिष्य ४२. १५२. माघनन्दि भट्टारक, भानुकीर्तिके शिष्य मल्लिसेन, लक्ष्मीसेनके शिष्य २४७ भू० । ४९९ भू० १५९. १६०. माघनन्दि व्रती ४९९ भू० १००. महदेव १९३ भू० १५१. माघनन्दि सि. च. १२९ भू. १५९. महामण्डलाचार्य उ० ४०, ८९, ९६, माघनन्दि सि० दे० ४७१. १२९, १३० १३७, ४७५, ४७९, माणिकनन्दि १०५. माणिक्यनन्दि, गुणचन्द्र के शिष्य ४२. महावीर १०५ भू० १२८. माधव, देवकीर्तिके शिष्य ३५, ४० महावीराचार्य ( गणितसार कर्ता) भू० भू० ९६, १५७. माधवचन्द्र, शुभचन्द्रके शिष्य ४१, महासेन ( देखो मासेन) १४४ भू० १५५. महिधर १०५ भू० १२८. मानकव्वे गन्ति ( आर्यिका ) १३९. महेन्द्रकीर्ति, कलधौतनन्दिके शिष्य | मासेन ऋषि ( महासैन ) १६१ भू. ४७, ५०. १५१. For Private & Personal Use Only Jain Education International ___www.jainelibrary.org

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