Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 01
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
View full book text
________________
भारगवे, ग्रा० ३७७.
मनचेनहल्लि, ग्रा० १०७. भारतियक, स्त्री १३७.
मनसिज, न० २४. भारवि कवि ५५.
मनेदेरे, एक टैक्स १३८. भाषेगे तप्पुव रायरगण्ड, उ० १३६, मन्नार्कोविल, प्रा० ४३९. भीमादेवी, रानी ४२८ भू. ४६, मरियाने, से० ४०, ११५, भू० ९४, १०३.
११२. भुजबलवीरगङ्ग, उ. १३८, १४३, मरुदेवि माचिकब्बे २२९. __ ४९१, ४९४, ४९७.
मरुदेवी, स्त्री ३६१. भुजबलि ( बाहुबलि, गोम्मट) १०५. | मलनूर ग्रा० ८. भुजबलैय्य, पु०, भू० ५१. मलपर, मलेप, मलपरोल्पण्ड, पहाड़ी भूतराय, गं० न०, भू० १०९.
सर० ४५, ५३, ५६, ५९, १२४, भोज, न० ५५, भू. ३२, ३३, ११२ १३०, १३७, ४९२, ४९४, १४२.
४९७, ४९९, भू० ८३. भौतिक दर्शन ४९२.
मलप्रहारिणी नदी १३८.
मलनय, एक टैक्स १२८, १३७. मगध देश, भू० ६९.
मलयूर, स्था० ४३४, भू. १०७. मगर, राष्ट्र, ८१, ४९९.
मलिककाफूर, से०, भू. ८४. मङ्गप, बुक्कके से० ८२.
मलेगोल, स्था० २९७. मशामिबस्ति १३४ भू० ४६, १०३, मलेराज राज, उ० ४९९. १२२.
मल्लिदेव, नाथ, नागदेव मं० के पुत्र मङ्गलेश, चा० न०, भू० ८०.
४२, १३०. मज्जिगण्ण, पु०, भू० १०.
मल्लिनाथ, लेखक, ५४. मजिगण्ण बस्ति, भू० १०.
मल्लिषेण, पु. ४६१. मण्डलिक त्रिनेत्र, उ० ३८. मल्लिसेटि, पु० ६८, ८६, ८७, १२४, मण्णे मान्यपुर, भू० ७१.
१३०, ४१८, ४८६, भू० ३९, मत्तियकेरे, स्था० ९६.
११७.
महदेव, चं० न० १०३ भू० ३६. मदनेय, ग्रा०, भू० ४५.
महादेव पु० ८६. मधुरा पुरी १५८.
महानवमी मंडप, भू. १३. मधुवय्य, पु०, भू० ११८.
| महाप्रचण्डदण्डनायक, उ० ४३, ४४, मनरवत, एक टैक्स १३७.
४७,५१, १४४, ४४७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662