Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 01
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 643
________________ जीमूतवाहन, न० ५३. छन्दोम्बुधि, नागवर्मकृत, ग्रं०,भू०११७. | जीवापेट, स्था० ४०४. | जैनमठ, भू० ४७. जक्कणब्बे, जक्कमब्बे, ( गङ्गराजकी | जैमिनि, दा० ५५, ४९२. भावज ) ४३, ४४६, ४४७, भू० जोगव्वे, जोगाम्बा, बम्मदेवकी भायां, ५४, ९२. ४४, १३०. जकरसूरु होयसलसेट्टि, पु० ३६१. जविकटे, सरो०, भू. ४९. टाकरी लिपि, भू० ११९. जकिराज, हुल्लके पिता, १३८, भू० ९५. टामस साहब भू० ६७, ६८. जगदेकवीर, उ० ३८, १०९. जगदेव, तेलुगु सर०, भू० १०६. ठक, दे० ५४, भू० १४१. जगद्देव, चो० से. १३८. जत्तल, जत्तुलट ( योधा ) ४३, ५३. | तच्चूरु ग्रा० ४४०. जन्नवुर, ग्रा० १३७, १३८. तञ्जनगरम् , तजपुरी-तोर ४३६, जय, सिंह (प्र. ) चा० न० ५४ भू० ४३७, ४४१. ८३, १३९, १४३. | तहगेरे, स्था० २४. जातिकूट, एक टैक्स, ४३४. तरिहल्लि, ग्रा० १३८. जातिमणिय, एक टैक्स ४३४. तरेकाडु-तलकाडु, दु. १३. जानकि, मङ्गप से० की भार्या, इरुगपकी तलकाडु, तलवनपुर दु० ४५, ५३, माता ८२, भू० १०४. ५६, ५९, ९०, १२४, १३०, जायसवाल, भू० ६८. १३७, १३८, १४३, १४४, जिगणेकट्टे, सरो०, भू० ४६. ३६०, ४४५, ४८६, ४९१, जिननाथपुर, ग्रा०, भू० ५०, ५२. __४९३, ४९४, ४९७, भू० ७१, जिनचन्द्र, पु. ७१ ७८, ९०. जिनदेव (ण) चामु० के पुत्र ६७, भू० तलेयूर, ग्रा० ५६, ४३१. ९, ७४. तालीकोटा, युद्धस्थान, भू० १०१. जिननाथपुर, ग्रा० ४०, ८३, १३१, तावरेकेरे, सरो०, भू० ५२. ४६७, ४७८, भु. ८८, ९८. तिगुल तामिल, तिमिल, जा० ४५,५९, जिनवर्म, पु० ४०५. ९०, ३६० भू. ९०. जिननहल्लि, प्रा. ८३. | तिप्पेसुङ्क, एक टैक्स, १३८. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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