Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 01
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 642
________________ चागवे हेग्गडित्ति, स्त्री ३६१. भू० ५, ३३, ४५, ४८, १०६, चामगट्ट, ग्रा० १२४. १०७. चामराज नगर, भू. ७८. चिक्कदेवरायकल्याणि, कुण्ड, ४३३. चामराज ओडेयर (९) मै० न० चिक बस्ति १३४ भू० १२२. २४४, २४५, ४३४, भू० १०५, चिकबेट (चन्द्रगिरि) ४११. चिक्कमदुकन, पु० ८८ भू० १२०. चामराज ओडेयर (६) मै० न० ८४, चिगदेवराजकल्याणि, कुण्ड, ८३. १४०, ४३३. चित्तूर, ग्रा० २. चामुण्ड व्यापारी ४९. चेगिरि, दु० ५३,१३८, १४४, ४९३. चामुण्डय्य, पु. ११८. भू. ९०. चामुण्डराय बस्ति ४४२, ४७७, ४८१, | चेन्दव्वे, स्त्री १२४. भू० ८, १३, १६, ७३. चेन्नण, चेन्नण्ण (°बस्तिनिर्मापक ), चामुण्डरायकी शिला, भू. १५. १२३, ४४८-४५३,४६३-४६५, चामुण्डिका देवी ४३४. ४८०. भू० ४०, ४१. चारुदत्त वणिक ५३. चेन्नण्ण काकुण्ड, भू० ४९. चार्वाक ( दर्शन ) ३९, ४०, ४९२. चेनण्ण बस्ति, भू० ४०. चालुक्य, रा. वं० ३८, ४५, ५४, ५५, चेन्नण्ण, पु० ८४. ५९, १२४, १३७, भू० ७५, चेनपट्टन, भू० १०६. ८०, ८७, ९०, ९१, १४३. चेर देश, ३८, १३८. चालुक्याभरण, उ० १४४, ४९२, चेलिनी रानी ६३. ४९७, भू० ८२. चैत्यालय १३२, ४३०. चावराज, लेखक ४४, ४७. चोल देश, ३८, ८१, ९०, १२४, चावुडय्य, पु. ९६. १३०,३६०,४८६, ४९१,४९९, चावुडिसेट्टि, पु. ९९, १००, १०२. ५००, भू० ५९, ६१, ७१, ८१, चावुण्डय्य, पु० १६४, भू० ११७. चिकण, पु० ८७, १००, ४५३, ४६३, | ८४, १०९. ४६५. चोलकटकसूरेकाद, उ० ४९४. चिकूर, ग्रा० १६२. चोलपेाडि न० ५४. चिक्कण्ण, पु. ८४, १३७, ३५२. चोलेनहल्लि ग्रा० १०७. चिक्कदेव राजेन्द्र ओडेयर, मैन० ४४४, | चौवीसतीर्थकर बस्ति, ११८ भू० ४१. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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