Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 01
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
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सिंहनन्दि ५४, ३७४, ४८६, भू० सोमसेनदेव ३७१ भू० १६०. ७१, ७२, १३८.
स्थलपुराण (ग्रंथ) भू० २३, २७. सिंहनन्दिभट्टाचार्य ११३ भू० १३७. । स्थूलवृद्ध भू० ५७. सिंहनन्द्याचार्य ३७४, ४९३, भू० २६ | स्वामी ५४ भू० ८३. १३७, १६०.
स्वास्थ्यशास्त्र (पूर्जपादकृत) ४० भूक सिंहणायं १०५.
१४१. सिंहसंघ १०५, १०८ भू० १४५. सुजनोत्तंस-बोप्पकवि ८५.
हनसोगे शाखा ७० भू० १४६. सुधर्म १०५ भू० १२५-१२७. हरिषेण ( कथाकोषकर्ता) भू० ५६. सुभद्र १०५ भू० १२६.
हलधर १०५ भू० १२८. सुमतिदेव ५४ भू० १३८.
हिरिय नयकीर्ति ८९, ४५४, ४७५. सुमतिशतक (सुमति देवकृत) ५४.
हरिवंशपुराण भू० ३०, १२५, १२७. सुरकीर्ति ४३१ भू. १५८. सेनसंघ १०५, १०८.
हेमचन्द्राचार्य (श्वे० ) भू० ६६. सोमदेव भू० ७७.
हेमचन्द्रकीर्ति, शान्तिकीर्तिके शिष्य सोमचन्द्र ११३ भू० १३७
११२ भू० १६०. सोमश्री (आर्यिका) ११३. | हेमसेन ५४ भू० १३९.
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