Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 01
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
View full book text
________________
२०
ओम्मालिगेयहाल, स्था० ५१. कब्बिणदपोम्मु, एक टैक्स ४३४. ओरेयूर, चो• रा० ५००, भू० ११०, कमलपुर, कमुलपुर ११८, ४०५. १११.
कम्पिता, रानी १५२.
| कम्ब राजकुमार, गं० रा०,भू०७८,७९. कग्गेरे, ग्रा० ९० भू० ९६. कम्भय्य, रा०रा० ९९. कञ्चिनदोणे, कुण्ड, भू० १४. कम्मट, टकसाल ३२४. कटकसेसे (एक टैक्स) १३७. कम्ममेन्य लोहित गोत्र ४७०. कटवप्र= चिक्कबेट्ट २७-२९, ३३. करबध, स्था० ३४७. १५२, १५९, १८९ भू० ६३, ।
करहाटक, स्था० ५४ भू० १४१. ६४, ११६.
करिकाल चोल न०, भू० १११. कडवदकोल, कुण्ड १२४.
कर्कराज, रा० न०, भू० ७७, ८१. कडसतवाडि, ग्रा० ४५९, ४६०.
| कर्णाट, कर्णाटक, देश, ८३, १०६, कणाद, दा० ४९३.
___ ४३४, भू० ५९ कत्तले बस्ति भू. ५, १३, ९१.
कर्णाटक कुल ३५१. कदन कर्कश उ० ३८.
कलचुरि नरेश भू० ५०, ९८. कदम्ब, पु०, भू० १४.
कलन्तूर, ग्रा० १५९. कदम्ब, रा. वं० १३८, २८२, भू.
कलपाल, न० ५३, १३८. १०८.
कलले, स्था० ३२८. कदम्बहल्लि, ग्रा०, भू. १०३. कलस, ग्रा० ४३४. कदिक वंश ३२२.
कलिगलोल्ाण्ड, उ० ५७, भू० ७९. कन्खरी, वादित्र ४०७, ४०८.
कलिङ्ग, देश १३८, ४९९. कन्दाचार, सिपाही ९८.
कलिदुर्ग गामुण्ड, पु० २४. कन्नेगाल, स्था०, भू० ८२, ९०,९१.
| कल्कणिनादु, प्रदेश ५३, ५६. कन्ने बसदि, जैनमंदिर ११५.
कल्कि , चतुर्मुख, न०, भू. २९-३१. कन्नौज, नगर,भू० ७६.
कल्बप्पु, कब्बप्पु, काल्बप्पु-चकबेट ३, कपिल, दा० ३९.
२३, २४, ३४, ३५, ४७, १५४, कब्बालु, ग्रा० ४३३, ४३४.
१६०,१६१,१७२, १९०, २००, कबाले, प्रा० ८३ भू० १०७.
२२७, भू. ५५. कब्बप्पुनाडु, प्रदेश, ५१, ४९२. कल्याणि, सरो०, भू० ४८, १०६.
कब्बादुनाथ अरुवण, स्था० १३७. कल्लय्य, पु० ९३ भु. १२१. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662