Book Title: Jain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala Author(s): Shreepalchandra Yati Publisher: Pandurang Jawaji View full book textPage 7
________________ बैंगन ... २०९ - ... १९१ । २०९ ... १९९ .. विषय विषय पानीमें बैठना ....... .... कोला पेग खुराककी आवश्यकता ... ... खुराकका वर्ग: ... ... धिया तोरई ... २०९ जीवनके लिये अवश्य खुराक ... तोरी .... पौष्टिक तत्त्व ... ... करेला ... चरवीवाले तत्त्व ........ ककड़ी ... आटेके सत्त्ववाले तत्त्व ... ... कलींदा मतीरा २१० क्षार ... ... ... . ... सेमकी फली ... पानी ... ... ... ... १९२ गुवारफली ... . २१० खुराकके मुख्य पदार्थोंमें पांचों सहजनेकी फली ... .. २१० तत्त्वोंका कोष्टक ... ... १९३ सूरणकंद ... ... ... २१० आलू ... ... २१० छः रस ... ... ... ... रतालू तथा सकरकंद ... २११ . छओं रसोंके मिश्रित गुण ... मूली ... ... ... ... २११ ... वैद्यकभाग निघंटु ... धान्यवर्ग गाजर ... ... ... २११ ... ... ... २११ गेहूं कांदा ... ... ... ... बाजरी ... दुग्धवर्ग . . ज्वार ... ... ... कालीगायका दूध ... ... २१२ मूंग ... ... ... लालगायका दूध ... ... ... २१२ अरहर ... ... सफेदगायका दूध .... ... उड़द तुरत व्याई हुई गायका दूध ... मटर ... विना बछडेकीका ... ... शाकवर्ग भैंसका दूध ... ... चंदलया (चौला बकरीका दूध ... पालक भेंडीका दूध वथुआ ... ... ऊंटनीका दूध पानभोगी... ... स्त्रीका दूध पानमेथी ... धारोष्ण दूध ... २१३ अरुईके पत्ते ... २०८ खराब दूध ... मोगरी ... ... दूधके मित्र ... मूलीके पत्ते ... दूधके शत्रु .. २१६ परवल ... ... ... २०८ घीके सामान्य गुण २१८ मीठा तूंना ... .. __... २०८ गायका मक्खन ... ... ... २१८ .. २०१ ... २०४ .. २०७ .... २१३ AM.mm.mmm mr.ur. ... २१३ ... २०८ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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