Book Title: Jain Pustak Parichay
Author(s): Gurjar Granthratna Karyalay
Publisher: Gurjar Granthratna Karyalay

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Page 14
________________ ४-० द्वयाश्रय महाकाव्य-बे भाग (कर्ता कलिकाल सर्वज्ञ हेमचंद्राचार्य) १८-० परिशिष्टपर्व , २-० वासुपूज्य चरित्र-पद्यबंध (कर्ता वर्धमानसूरि) ७-८ वंदागृत्ति- (सं. श्री सागरानंदसूरीश्वरजी) १-४ प्रकरणसमुच्चय-(४९ प्रकरणनो संग्रह) प्रत्याख्यान-सारस्वतविभ्रम विशेषणवती वगेरे ,, १-४ ज्योतिषकरंडक सटीक ,, ३-८ युक्तिप्रबोध , १-१२ धातुरत्नाकर-चार भाग (सं. विजयलावण्यसूरीश्वरजी) १३-० : पंचम भाग षष्ठ भाग २-८ सप्तम भाग जैन मुक्तावलि- - १-० हैम धातुमाळा ४-० नवपद लघुत्ति " बृहटत्ति ४-० काव्यानुशासन-सटीक अलंकार पन्थ-कर्ता हेमचंद्राचार्य २-४ जीवसमास- सटीक १-८ सरस्वतीकंठाभरण- सटीक कर्ता भोजदेव ५-० जैनस्तोत्रसमुच्चय- (सं. चतुरविजयजी) १-८ प्राचीन जैनस्तोत्र संदोह भाग १-., ५-० 13 mi १-८

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