Book Title: Jain Pustak Parichay
Author(s): Gurjar Granthratna Karyalay
Publisher: Gurjar Granthratna Karyalay

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Page 17
________________ ૧૫ . . दशकुमारचरित्र ( दंडिकृत ) १-१२ . मृच्छकटिक (शूद्रक कवि) १-४ मालतीमाधव- (महाकवि भवभूति) २-० मुद्राराक्षस २-८ हितोपदेश ०-१२ पंचतंत्र १-४ भट्टिकाव्य [ जयमङ्गलकृत टीका] . २-८ जैनन्याय अनेकांतजयपताका बे टीका सहित भाग १ १०-० सन्मतितर्क-पांच भाग ( सं. पं. सुखलालजी तथा बेचरदासजीः मूलकार सिद्धसेन दिवाकर, टीकाकार अभयदेवसरि दरेक भागना दश ५०-० सन्मतितर्क-(गूजराती अनुवाद विस्तृत प्रस्तावना) नयोपदेश-(सटीक कर्ता उ. यशोविजयजी) १-८ स्याद्वादमंजरी-(अंग्रेजी अनुवाद तथा विशिष्ट टिप्पणो साथे . संपादक-डॉ. आनन्दशंकरभाइ ध्रुव) ११-० स्याद्वादमंजरी (हिंदी अनुवाद सहित) ४-८ प्रमाणमीमांसा , पं. सुखलालजी स्याद्वादरत्नाकर-भाग पांच , ११-० लधीयस्रयीम् १-० · न्यायावतार-सटीक ( सं. प्रो. वैद्य ) ..

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