Book Title: Jain Prachin Purvacharyo Virachit Stavan Sangrah
Author(s): Motichand Rupchand Zaveri
Publisher: Motichand Rupchand Zaveri

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Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra नंबर स्तवननुं नाम पत्र. १ श्री शांतीनाथना पंच कल्याणकनुं स्तवन १-१४ २ श्री पंचकारण गर्भित श्री वीरजिन स्तवन १५-१८ ३ श्री गौतम स्वामी प्रश्नोत्तर रुप बार आरानुं स्तवन... ४ श्री अक्षयनिधि तपनुं स्तवन ५ श्री शाश्वत् जीनवर स्तवन ६ श्रोनिगोद स्तवन. १९-२३ २३-२७ २७-३२ ३२-३४ ३४-३८ ७ श्री त्रिभुवन स्तवन ८ श्री महावीर स्वामीना पञ्चकल्याणकनुं स्तवन ३८-४१ ९ श्री चोवीस जिन कल्याणक स्तवन ४२-४५ .... **** .... www.kobatirth.org. .... अनुक्रमणिका. .... नंबर तपन नाम १० श्री सम्यकत्व विचार गर्भित श्री महावीर जिन स्तवन ४५-५२ ५७-६२ ६२-६५ ६५-६६ 95 ११ श्री महावीर स्वामीनां सत्तावीस भवनुं स्तवन ५२-५७ १२ श्री सौभाग्य पञ्चमी स्तवन १- पहेलुं १३ श्री ज्ञान पञ्चमी स्तवन २- वीजुं. १-त्री ४- पो. १६ अल्प बहुत्वविचार गर्भित श्रीमहावीर जिन स्तवन ६९-७१ १७ श्री आलोयणानुं स्तवन १४ १५ '६७-६९ ७१-७३ १८ श्री षट् पर्वी अधिकार गर्जित श्री विरजिन स्तवन For Pitvate And Personal Use Only .... 23 .... .... .... **** .... .... पत्र. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७४-७९

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