Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 07
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 487
________________ . पृथ्वीचं अने गुणसागरनुं चरित्र. ४७५ करी तेनी स्नान, नोजनवगेरेथी घणीक सेवा करी. अने थोडी वार पड़ी तेना खडीयामां इव्यनो तपास करवा लागी, तो तेमांतो एक फुटलकोडीपण दीठी नहिं. त्यारें तो ते कपिला नट्टाणी महोटो आक्रोश करी बोली के तमें इव्य कमाइलाव्या बो, ते क्या ? अने केम क्या देखातुं नथी? बने केम बता वता पण नथी? वली तेश्व्य, मने बेतरीने माराथी पण बानु राखg डे, के झुं? ते सांगला केशव बोल्यो के हे प्रिये! फिकर म राख.अने हर्ष राख.जे श्व्यने जोइने तारुं मन प्रसन्न थाशे, तेटर्बु इव्य तुं जोश ? हाल तो एक काम करस्य, के कोक वाणीयानी उकानेथी आपण सर्वे स्वजनोने जोजन पूरुं पडे, तेटली रसोइनो सामान आपणे खाते लइ आव्य. अने तेनी, उत्तम रसो याने बोलावी मिष्ट एवी रसोई तैय्यार कराव्य. कारण के काले सवारें थापणां सर्व स्वजनोने आमंत्रण करी जोजन करावीने ए स्वजनोनी तथा गामना लोकोनी अने राजानी समद, चित्तने चमत्कार उत्पन्न करे, एवं महारं उपार्जित करेलुं इव्य तुने देखाडवू ? ते सांजली कपिला कहे , के त्यारे हालज देखाडो ने? के अमें जोश्य तो खरा, के तमो केटलुक धन कमाश्याव्या बो? अने हे स्वामीन ! तमारी उपार्जन करेली मिलकतनां जो मने दर्शन करावशो, तो ढुं अत्यंत खुशी थइश ? अने बली हाल जे हुँ स्वजनोने जमाडवा माटे घृत, गोल वगेरे सामान लावीश, ते मालना पैशा बापवानी मने धास्ती पण मटशे, अने वली मारा मनने शांति था शे? आवां वचन सांजली केशव बोल्यो के हे स्त्रि! तुं बीलकुल फीकर राख नहिं. ज्यारे थापणा स्वजनो जमीने याहिं यावी उनां रहेशे, त्यारे ढुंतुने तुरत सर्व मिलकत देखाडीश ? माटें जो तारे मारा कमायेला इव्यर्नु दर्शन कर होय, तो तो महारा कहेवा प्रमाणे सदु स्वजनने जलदी आमं त्रण कस्य. यावां सगर्व वाक्य सांजलीने कपिलाने तेना बोलवा पर विश्वा स आव्यो, तेथी तेणें सदु स्वजनोने ते केशव नट्टना नामथी यात्रमंण देव राव्यां.अने तेथी गाममां पण एवी प्रसिदि थ के केशवजट्ट घणुंज इव्य कमाश्याव्या , माटे तेना उत्साहनुं सदु कुटुंबीयोने नोजन करावे ? हवे ते सर्वस्वजनो, नोजन करवा माटे केशवने घेर याव्यां. जोजन करवा बेग. अने ते सदुयें आनंदथी नोजन कयुं. पण त्यार पड़ी ते केशव, सदु देखे तेम धोतीयानो काबडो वाली हाथमां एक महोटी कोदाली लश्ने स्वप्नमां

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