Book Title: Jain Jivan Shailee Author(s): Manitprabhsagar, Nilanjanashreeji Publisher: Jahaj Mandir Prakashan View full book textPage 8
________________ कृपया Is पुस्तक को जमीन पर न रखें। // पुस्तक को फाड़े-बिगाड़े नहीं। Is पुस्तक का झूठे मुँह स्वाध्याय न करें। Is पुस्तक को झूठे व गंदे हाथ न लगाये। Is पुस्तक को रद्दी में न बेचे। Is पुस्तक का दुरुपयोग न करें। Is पुस्तक के प्रति सदैव श्रद्धाशील रहे। सूचना प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन ज्ञान-खाते की राशि से हुआ है अत: मूल्य चुकाकर ही श्रावक-श्राविका इसका उपयोग करें, अन्यथा ज्ञानावरणीय कर्म का बंध होता है।Page Navigation
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