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जैन-गौरव-स्मतियां
*सेठ कनकमलजी चौधरी, बड़नगर, .
- आप सेठ हजारीमलजी के दत्तक पुत्र हैं। परोपकारी शिक्षित तथा । मिलनसार विचारों के सज्जन हैं। आप की ओर से एक कन्या पाठशाला, . प्रसूति गृह, सार्वजनिक वाचनालय इत्यादि संस्थायें चल रही हैं । स्थानीय मन्दिर में ७०००) की एक चाँदी की वेदी भेंट की है। अपने पिताजी के नाम पर नगर . चौरासी का जिसमें डेढ़ लाख व्यय हुआ। सामाजिक तथा धार्मिक सभा संस्थाओं को आप मुक्त हस्त से सहायता प्रदान करते हैं । आपके पुत्र अभय कुमार जी शिक्षित समझदार का मेधावी युवक हैं। वड़नगर में आप के परिवार की बड़ी प्रतिष्ठा है ।आपके यहाँ "श्रीचन्द हजारीमल" के नाम से बैङ्किग का कार्य होता है। +मेसर्सलछमनदासजी केशरीमलजी, बड़वाह
आप पीपाड़ ( मारवाड़) से व्यापारार्थ यहां पाए और दुकान खोली ।। व्यापार चातुर्य से लाखों की सम्पत्ति उपर्जित की । वर्तमान में बड़वाह की नामी फर्मों में आपकी फर्म मानी जाती है ।
आपने एक सुन्दर जैन मंदिर बनवाकर उसकी प्रतिष्ठा कर वाई । इस कार्य . में आपने हजारों रुपये व्यय किये हैं फर्म के वर्तमान मालिक सेठ केशरीमलजी व्यापार दक्ष एवं मिलनसार, उत्साही सज्ज्न हैं। फर्म पर रूई का अच्छा विजिनेस है आपकी यहाँ एक जीनिङ्ग और एक प्रेसिंग फेक्टरी भी है। . . + श्री सेठ दुनीचन्दजी सागरंमलजी जैन, नागदा ....
. . सेठ दुनीचन्दजी के सुपुत्र सागरमलजी व्यवसायी एवं धर्म प्रिय सज्जन हैं । स्थानीय स्थानक के लिए १५०००) व्ययां किए । स्थानीय रत्न पुस्तकालय स्था'पित किया जिसमें लगभग २००० उत्तमोत्तम पुस्तकों का संग्रह है । अमोलक पाठशाला" के लिए एक कमरा प्रदान कर शिक्षा प्रेम का परिचय दिया । नागदा के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में आप प्रमुख हैं । श्री भैरोंलालजी का जन्म सं० १६८४ का है। .. आप होनहार नवयुवक हैं। * श्री सेठ ठाकचंदजी गेंदालालजी-चौधरी-नागदा..
आप एक व्यापार कुशल एवं धार्मिक मनोवृत्ति के सज्ज्न हैं । सामाजिक .. ___ कार्यों में आपकी विशेष रुचि है। "रत्न पुस्तकालय" तथा स्थानक आदि के परि- वृद्धि में आपने विशेष सहयोग दिया है तथा समय २ पर जैन जाति के कार्यों में . सहयोगी रहते हैं । आपका परिवार “पावेचा" गौत्रोत्पन्न हैं वर्तमान में आपरूई, - कपास तथा गल्ले का थोक व्यापार करते हैं।
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