Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 740
________________ ७७८ 光分路分产经验********* 长长的十分子长长任会长产经的 ७८............................... जैन-गौरव-स्मृतिय *सेठ बालचन्दजी मूथा, नांदेड़ आपका मूल निवास स्थान दांतड़ा ( अजमेर ) है । नादेड़ व्यापारी सम में आपकी बड़ी प्रतिष्ठा है। कॉटन ग्रेन मर्चेण्टस. एसोसियेसन व्यापारी कमेटी हॉईस्कूल, हिन्दी राष्ट्रीय विद्यालय के आप प्रेसीडेण्ट हैं। इस प्रकार आप बड़े शिक्षा प्रेमी सुविचार शील सज्जन नांदेड़ में 'सुवालाल सुगनचन्द' के नाम से रुई व साहूकारी लेन देन का व्यवसाय होता है । जालना में 'सुवालाल बालचंद' तथा परभणी में बालचंद मूथा के नाम से आपकी फर्मे चल रही हैं 'दुलीचन्द सुगनचन्द' के नाम से भी आपका व्यवसाय होता है । . आप बड़े उदार दिल हैं । पिपुल्स कॉलेज में ५१००) प्रतिभा निकेतन में ११०००) की बड़ी सहायता प्रदान की E BAR Gandu - आपके ४ पुत्र हैं:-श्री हेमराजजी . सेठ बालचन्दजी मूथा, नांदेड : . प्रेमराजजी, सुवालालजी तथा सुगनचन्दजी । चारों ही प्रतिभाशाली विचारशील सज्जन हैं ।श्री हेमराजजी के २ पुत्र हैं :- नवलचन्दजी व सुभाषचन्दजी। *सेठ पुखराजजी नेमीचन्द्रजी देवड़ा, औरंगाबाद . आपका मूल निवास स्थान बगड़ी ( मारवाड़ ) है । सेठ पुखराजजी देवड़ा का जन्म सं १६५७ का है । आप लॉथ मर्चेन्ट एसोसियेशन के तथों महावीर जैन विद्या भवन के प्रेसीडेन्ट हैं। आपने विद्याभवन को ५० हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसी प्रकार अन्य शिक्षण व परोपकारी संस्थाओं को समय समय पर सहायता प्रदान करते रहते हैं । आपके सम्पतराजजी नामक एक पुत्र हैं। जिनका जन्म सं १९६८ कार्तिक कृष्णा ५ है । पुखराज नेमीचन्द' के नाम से चौक बाजार औरंगाबाद में आपकी पर कपड़ा तथा बैंकिग का व्यवसाय होता है। . ... .. .. .

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