Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 752
________________ * जन-गौरव न्मृतियां . बंगलोर में जे० किशनलाल फूलचन्द के नाम से २ दीवान सुरारपा लेन चियः m.P111 "DTET imsini.. HCHACHHA HERE ! LAD KARANASANA SAMAND ForupayantsBERAHATE MAHARCHAMOSAN M JwBETHAN Rupiate Mit. - HTTA mitaliNTARWACHEMEMAak "CATION ACKSON श्री फूलचंदजी लूणिया .....जयकुमार s/o श्रीफूलचंदजी लू गया। पैठ में आपकी फर्म हैं । फर्म-कमीशन एजेण्ट जनरल मर्चेट, गवर्नमेण्ट कन्दा, क्टर और बैंकर है। ___ बंगलोर में आपकी बड़ी प्रतिष्ठा है और सर्वोपरि श्रीमंतों में गिनती है । . *सेठ सुगनमलजी माणकलालजी बोथरा, उटकामंड ....: . ___ आपका मूल निवास स्थान खींचन मारवाड़ है । सेठ सुगनमलजी के ८ पुत्र हुए जिनमें ६ विद्यमान हैं-श्री अगरचन्दजी, माणकलालजी, अमरचन्दजी, . बच्छराजजी, किशनलालजी व मुखलालजी। श्री माणकलालजी का जन्म सं० १९५२ चैत्र शुक्ला १३ है । आप स्थानक . वासी धर्मानुयायी हैं । धार्मिक प्रवृत्ति वाले उदार सब्जन हैं । उटकामंड जैन स्थानक में आपकी बड़ी सहायता रही है। अन्य कामों में भी सहायता करते रहते हैं। उवामुड में दो दुकाने हैं एक पर सोना, चांदी, ज्वेलरी तथा बैंकिंग का व्यवसाय . . होता है तथा दूसरी पर सोने के तैयार जेवर. आदि मिलते हैं। . श्री अमरचंद के नाम से मद्रास में व्यवसाय करते हैं। जैसलमेर में भी आपके एक भाई व्यवसाय करते हैं .. .....

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