Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 767
________________ जैन-गौरव-स्मृतिया No Teke ★श्री सेठ एच० चन्दननल जो वेद मूथा, मद्रास सादड़ी ( मारवाड़ ) निवासी सेठ researcareerser-arresterARRIEREMIPURepeare चन्दनमलजी अपनी व्यापारिक सफलताओं के कारण ही श्राप हिन्दुस्तान : चेम्बर्स ओफ कोमर्स एवं दी केमिस्ट : एण्ड ड्रगिस्ट एसोसियशन एवं दी मद्रास किराणा मर्चेण्ट एसोसियशन के पदाधिकारी है । न केवल आप व्यापारिक संस्थाओं में ही अग्रेसर है अपितु श्री एस. एस. जैन ऐज्यूकेशन सोसायटी की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। आपके बड़े पुत्र श्री लक्ष्मीचन्दजी का जन्म सं० १६८४ कार्तिक पूर्णिमा का है इनसे छोटे इन्द्रचन्दजी, नगरराजजी, एवं धीरचन्द जी है आपका यह परिवार श्वेताम्बर .: . - मानक वासी आम्नाय का उपासक हैं। सेठ लक्ष्मीचन्दजी वैद मूथा मद्रास - फर्म ६७ नायनप्पा नायक स्ट्रीट पर चन्दनमल एण्ड कम्पनी के नाम से प्रसिद्ध है । महता एण्ड कम्पनी के नाम से आपकी अति प्रसिद्ध द्वितीय फर्म से दवाइयों का थोक वन्द व्यवसाय होता है। *श्री मणिलाल नो रतनचंदजी मेहता-मद्रास ... ... ... .. सन १८६२ में पालनपुर (गुजरात) में श्री मणिलालजी का जन्म हुआ । सन १९१६ में आप मद्रास आए एवं जवाहरात के व्यवसाय में प्रवृत हुए। अपनी व्यापारिक एवं मेधावी बुद्धि से अच्छी सफलता प्राप्त की। श्री मणिलालजी के ज्येष्ठ पुत्र रासकलालजी का जन्म सन् १६२१ का हैं एवं छोटे पत्र रजनीका का जन्म १६२४ का है । पालनपुर में "रतनचन्द्र कपूरचन्द" के नामसे आयम्बिल खाता खुलवाया एवं २२५००) का दान देकर वर्धन एवं पोपण किया। सन् १९४७ में आपका स्वर्गवास होगया। श्री रसिकलालजी एवं रजनीकान्तजी सुयोग्य पिता के सुयोग्य पुत्र है । आप भी आदर्शवादी एवं उदार दिल युवक हैं । स्थानीय जैन समाज में आपके परिवार की अच्छी प्रतिष्ठा है। reat नं० १७२ नेताजी सुभाप रोड पर "मनीलाल एण्ड सन्स" नामक जवाहरात की फर्म मद्रास की प्रतिष्ठित एवं धनिक फी में से है।

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